उतर प्रदेश में जहां योगी सरकार पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सजग बताई जा रही है. वहीं पत्रकारों  के ऊपर सबसे ज्यादा हमले योगी सरकार में हो रहे है। पुलिस की ही चौकी के सामने पत्रकारों पर जान लेवा हमला हो रहा है और पुलिस मूक बनी हुई.

कवरेज करने गये पत्रकार पर हमला:

जी हां हम बात कर रहे हैं औरैया की, जहां पत्रकार पर बालू, मिट्टी, मोरंग की ओवर लोडिंग करने वाले खनन माफियों ने उस समय जान लेवा हमला कर दिया, जब देवकली चौकी के पास पत्रकार कवरेज कर रहा था. अचानक दबंगों ने उस पर हमला बोल दिया.
आप वीडियो में देख सकते हैं कि पत्रकार को खनन माफिया बेहरमी से पीट रहे. हद तो तब हो गई जब पत्रकार रहम की दुहाई मांगता रहा लेकिन यह लोग जान से मारने की नीयत से हमला करते रहे.
बता दें कि ये हमला पुलिस कि नाक के नीचे यानी कि चौकी के बाहर होता रहा लेकिन चौकी इंचार्ज या अन्य कोई सिपाही पत्रकार को बचाने नही आया.
गौरतलब हैं कि देवकली चौकी औरैया की सबसे बड़ी कमाऊ चौकी है. पुलिस की यहीं से अवैध खनन की काला करोबारी होती हैं. यह चौकी जमुना जी के पास बनी है। ओवर लोड अवैध खनन मोरंग और बालू का होता है. ये सब पुलिस के सह पर होता हैं.

पत्रकार ने बताई आपबीती:

वहीं पीड़ित पत्रकार अश्वनी वाजपेयी ने बताया कि उसे जानकारी मिली कि कुछ ट्रक अवैध खनन के आ रहे है।और कोतवाली औरैया प्रभारी एवम चौकी इंचार्ज चेकिंग कर रहे है। इसकी जानकारी पर जब खबर बनाने पहुँचा तो वहाँ मदन गुप्ता कोतवाली प्रभारी और चौकी प्रभारी राघवेंद्र चौहान डटे हुए थे।
पीड़ित पत्रकार ने बताया कि उसने पुलिस से पूछा कि साहब क्या चेकिंग चल रही है। लेकिन इस्पेक्टर मदन गुप्ता ने बदमाशों से बात की और इसके बाद दोनों लोग चले गए.
वहीं उनके जाते ही खनन माफियाओं ने पत्रकारों पर हमला बोल दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि कोई भी पुलिस वाला हम को बचाने नही आया.
वहीं पत्रकार ने ये भी बताया कि पुलिस के रविये को देखते हुए 15 दिन पहले हमने पुलिस की नगेटिव खबर चलाई थी। जिसके चलते पुलिस इस्पेक्टर औरैया और चौकी प्रभारी की मिलीभगत से हम पर हमला किया गया.
उन्होंने ये भी बताया कि जिन लोगो को पुलिस 151 में जेल भेज रही है। वह इस घटना में शामिल नही थे। मेरे लाख मना करने के बाद भी इनका चलान किया गया और असली हमलावरों को पुलिस बचाने में लगी है।
पत्रकार ने आरोप लगाया कि जिन अधिकारियों को जांच सौपी गई है, वे खुद ही शामिल थे हमें कैसे न्याय मिलेगा।
उन्होंने मांग की के इस्पेक्टर और चौकी इंचार्ज के खिलाफ हमले के षडयंत्र में शामिल होने पर उनपर शख्त कार्रवाई की जाये.

पुलिस ने झाडा पड़ला:

वही पुलिस के आला अधिकारी इस जानकारी से पड़ला झाड़ रहे है. अब पुलिस की पोल खोलती देख पुलिस आननफानन में दो निर्दोषों को कोतवाली औरैया ले आई और चालान कर दिया।
जब कि पीड़ित पत्रकार पुलिस के आलाधिकारी से कहते रहे कि इन लोगों ने हमला नही किया। पुलिस उपाधीक्षक आर के सक्सेना ने निर्दोषों को जेल भेजने के ऊपर अपनी सफाई देते हुए कहा कि अब आप लोगो ने वीडियो दिखाया है।

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