कुंभ के मेले में बिछड़े भाई-बहनों की कहानी तो बॉलिवुड फिल्मों में आम है, जो बरसों बाद मिल पाते हैं। लेकिन, प्रयागराज कुंभ में बिछड़ों को तुरंत मिलाने के लिए 15 खोया-पाया केंद्र सक्रिय किए गए हैं। इन केंद्रों में गुम हुए लोगों की जानकारी अपडेट की जा रही है। रविवार दोपहर तक पूरे मेला क्षेत्र में करीब 19 ऐसे मामले आए। इनमें 12 लोगों को खोजकर परिवारीजनों को सौंप दिया गया जबकि 7 की तलाश जारी थी।

➡15 खोया-पाया केंद्र सक्रिय, फोटो और जानकारियां तुरंत ऑनलाइन हो रहीं अपडेट
➡महिला-बच्चों और पुरुषों का प्रतीक्षालय अलग-अलग बनाया गया है।
➡बिछड़े बच्चे को 6-8 घंटे तक इंतजार के बाद संस्था को सौंप दिया जाएगा।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]फोटो है तो काम आसान, फोटो नहीं है तो पहुंचे पुलिस गांव[/penci_blockquote]
संगम तट पर बने खोया-पाया केंद्र के मैनेजर रंजीत चंद्रा के अनुसार, किसी व्यक्ति के बिछड़ने पर उसके सगे-संबंधी से वॉलंटियर्स पहले उससे कब, कौन, कहां, कैसे आदि की पूरी जानकारी लेते हैं। कोई फोटो या पहचान का दस्तावेज मिलने पर तुरंत फोटो ऐप और वेबसाइट पर अपलोड की जाती है। हर सेंटर के बाहर लगी एलईडी स्क्रीन पर नाम के साथ फोटो डिस्प्ले कर पूरे मेला क्षेत्र में उद्‌घोषणा की जाती है। कंट्रोल रूम के प्रसारण कक्ष में टीवी स्क्रीन पर पल-पल की जानकारियां अपडेट की जाती हैं। अगर बिछड़े हुए शख्स की फोटो नहीं तो जिले और थाने के नाम के आधार पर संबंधित थाने की पुलिस को सूचना दी जाएगी। पुलिस गांव में जाकर सरपंच या राशन दुकानदार से सारी जानकारी लेकर अपडेट करेगी। इसके बाद संबंधित व्यक्ति की तलाश शुरू होगी। बिछड़ों को अपनों से मिलाने के लिए मेला क्षेत्र के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली जाती है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]एक नजर में कुंभ मेला परिसर की व्यवस्था[/penci_blockquote]
➡ 2,80,000 शिविरों में बिजली कनेक्शन लगाए गए हैं।
➡ 1,22,000 से अधिक शौचालय बनाये गए हैं।
➡ 40,700 एलईडी बल्ब लगाए गए हैं।
➡ 20,000 डस्टबिन लगाए गए हैं।
➡ 4200 प्रीमियर टेंट तैयार किये गए हैं।
➡ 1017 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
➡ 1000 से अधिक मेला परिसर में सफाईकर्मी तैनात किये गए हैं।
➡ 524 शटल बसें मेला क्षेत्र में जाने के लिए चलाई गईं हैं।
➡ 200 वॉटर एटीएम मेला क्षेत्र में लगाए गए हैं।
➡ 150 वॉटर टैंक मेला क्षेत्र में लगाए गए हैं।
➡ 100 हैंडपंप मेला क्षेत्र में लगाए गए हैं।
➡ 80 एम्बुलेंस 24 घंटे मेला क्षेत्र में मौजूद रहेंगी।
➡ 80 से अधिक मेला क्षेत्र में पार्किंग स्थल बनाये गए हैं।
➡ 28 आयुष विभाग में अस्थाई अस्पताल बनाये गए हैं।

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