उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावो के मद्देनजर सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। इसी क्रम ने भाजपा की केंद्र सरकार ने भी यूपी में अपनी मौजूदगी दर्ज करानी शुरू कर दी है। मगर इस बीच वेस्ट यूपी में चल रहे सिंथेटिक दूध के धंधे ने केंद्र सरकार को चिंता में डाल दिया है। केन्द्रीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने यूपी के 24 जनपदों में दूध की गुणवत्ता की जांच के आदेश दिए हैं।

24 जिलो में होगी दूध के नमूनों की जांच :

  • बीते दिनों दूध उत्पादन में आयी गिरावट ने दूध में मिलावट के काले कारोबार को बढ़ा दिया है।
  • दूध में मिलावट का प्रदेश के निवासियों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है।
  • भारी पड़ रही मिलावट पर अब केंद्र सरकार की नजर कड़ी हो गयी है।
  • सरकारी रिकार्ड के मुताबिक मेरठ में उत्पादित और वितरित हो रहे दूध में सिर्फ पानी है।

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  • बीते वर्ष 2016 में विभाग ने 71 नमूने लिए थे जिसमें से 17 में ही पानी की मिलावट सामने आई।
  • इसके बाद गौतमबुद्धनगर में तो कई लोगों पर मिलावट को लेकर जुर्माना भी किया गया है।
  • दरअसल केंद्र सरकार के लिए सिंथेटिक दूध बनाने वालों में वेस्ट यूपी के लगभग सभी जिले गड़बड़ है।
  • इनमे से मुख्य मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, सहारनपुर, बागपत, शामली, गौतमबुद्धनगर, अलीगढ़, हाथरस, बदायू, मुरादाबाद, संभल, जेपीनगर आदि हैं।

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