नए साल में जहां पूरी दुनिया जश्न मना रही है वही बरेली में एक मां को अपने जिगर के टुकड़े को बेचना पड़ा. मामला नवाबगंज के हाफिजगंज थाना के खो गांव का है. यहां एक गरीब मां ने पति के इलाज के लिए अपने पंद्रह दिन के बच्चे को बेच दिया था.

बेबस मां ने 45 हजा़र में बेचना पड़ा जिगर का टुकड़ा

बरेली के मीरगंज में गरीबी और भुखमरी से एक महिला की मौत को आप नहीं भूले होंगे. यहीं पर एक महिला ने गरीबी से तंग आकर अपने जिगर के टुकड़े को बेच दिया. नवाबगंज के हाफिजगंज थाना के खो गांव का मामला है. यहां कि गरीब और मोहताज मां ने अपने पंद्रह दिन के बेटे को पैंतालीस हजार रुपये में बेच डाला.यह मां कितनी बेबस है यह बात उसके आंसू बखूबी करते हैं.

कर्जदारों से परेशान होकर 15 दिन के बच्चे को बेचना पड़ा

दरअसल संजू के पति एक दिहाड़ी मजदूर है.  वह बरेली के प्रेमनगर में एक मकान में मजदूरी कर रहा था. तभी एक दीवार उस पर गिर पड़ी. इस हादसे में उसकी जान तो बच गई. लेकिन कमर से नीचे का हिस्सा बेकार हो गया. घर में वही अकेला कमाने वाला था. शुरू में उसने कर्ज लेकर अपना इलाज कराया और उसे मकान तक गिरवी रखना पड़ा.  कर्जदारों ने जब तंग करना शुरू किया तो उसने पंद्रह दिन के बच्चे को पैंतालीस हजार रुपये में बेच दिया.

पेट की आग, पति की परिवरिश के आगे बेबस हुई मां

एक मां के लिए यह फैसला खासा मुश्किल रहा होगा जब उसे अपने मासूम बच्चे को खुद से अलग करना पड़ा होगा. लेकिन पेट की आग , दो और छोटे बच्चों की परवरिश, पति का इलाज और कर्ज देने वालों के तकाजों ने उसे मजबूर कर दिया. उसने अपना बच्चा बहेड़ी तहसील में किसी को बेचा है.शायद किसी शर्त की मजबूरी है कि वह खरीदार के बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहती. संजू के पास न तो राशन कार्ड है और न उसका कोई मददगार. उसकी यह बेबसी हाकिमों तक पहुंचे तो शायद उसकी जिंदगी कुछ आसान हो सके और उसका बेटा मां से मिल सके.

अगर मानव तस्करी की बात सामने आई तो एफआईआर दर्ज की जाएगी

वहीं इस मामले में पीतम पाल सिंह, सीओ नवाबगंज का कहना है कि बच्चा बेचे जाने के संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है. मामला संवेदनशील है. हाफिजगंज थाना प्रभारी से मामले की जांच कराई जाएगी. अगर मानव तस्करी की बात सामने आती है तो एफआईआर दर्ज की जाएगी.

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें