वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लखनऊ कलानिधि नैथानी के नेतृत्व में दसवीं मुहर्रम का जुलूस शुक्रवार को सकुशल संपन्न हो गया। एसएसपी ने पुलिस टीम की प्रशंसा कर बधाई दी है। लखनऊ पुलिस के प्रवक्ता अरुण कुमार सिंह ने बताया कि मोहर्रम त्योहार के लिए पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था का पूरा खाका तैयार कर मोहर्रम के जुलूस के दौरान संवेदनशील स्थलों पर पैनी नजर रखने रखते हुऐ किया गया।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]60 स्थानों पर लगाए गए थे 100 से अधिक स्थायी सीसीटीवी कैमरे[/penci_blockquote]
एसएसपी द्वारा जुलूस का स्वयं नेतृत्व करते हुऐ व्यापक पैमाने पर सुरक्षा व्यवस्था का पूरा खाका तैयार कर मोहर्रम के जुलूस के दौरान वीडियो रिकॉर्डिंग कराई गई। जुलूस के दौरान वाॅटसएप, फेसबुक समेत अन्य सोशल मीडिया पर नजर रखी गयी। जिससे समय पर अफवाह का खण्डन करते हुए शान्ति का महौल बनाये रखा गया। पुलिस को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया था। चौक के अकबरी गेट, नक्खास, ठाकुरगंज, बाजारखाला, सआदतगंज, वजीरगंज के कई इलाकों के चौराहो/संवेदनशील 60 स्थानों पर 100 से अधिक स्थायी सीसीटीवी कैमरे लगाए गये थे।

Muharram Juloos Peacefully Concluded

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]एसएसपी सहित 50 बाॅर्डी वार्न कैमरा से लैस थे पुलिसकर्मी [/penci_blockquote]
उन्होंने बताया कि कैमरों की मदद से हर प्रकार की हलचल नजर रखी गयी तथा पुलिस संदिग्ध लोगों की हर एक गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थी। जुलूस के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में ड्यूटी में लगे सिपाहियों को 50 बाॅर्डी वार्न कैमरा से लैस किया गया था। जिससे हर गतिविधि पर सर्तक दृष्टि रखी गयी। साथ ही साथ जुलूस पर ड्रोन कैमरा की मदद से नजर रखी गयी। पुलिस दंगा निरोधी उपकरणों से लैस होकर लगातार पुराने शहर के संवेदनशील इलाके ठाकुरगंज, बाजारखाला, चौक, वजीरगंज व सआदतगंज की गलियों में भ्रमणशील रही। जिससे शान्ति पूर्ण महौल में दसवीं मोहर्रम का जुलूस संपन्न हुआ।

Muharram Juloos Peacefully Concluded-1

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]या हुसैन की गूंज रही थी सदाएं छतों पर लगा था देखने वालों का तांता[/penci_blockquote]
दसवीं मोहर्रम का जुलूस अकबरी गेट से शुरू हुआ वैसे ही हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करके लोग रोने लगे। जहां से जुलूस निकला, रास्तों पर लोग चाकू, छुरी और खंजर से खुद को लहूलुहान (कमा) कर गमगीन हो रहे थे। इन्हें देखने के लिए हजारों की भीड़ सड़कों और घरों की छतों से देखने के लिए उमड़े रहे जुलूस राजधानी के हजरतगंज, अलीगंज, चिनहट, चौक, बंथरा, सरोजनीनगर, आलमबाग, बीकेटी समेत सभी इलाकों में निकल गया। कर्बला के 72 शहीदों को यादकर लोग मातम कर रहे थे। छोटे-छोटे बच्‍चें भी खुद को जंजीरों से पीटकर अपने सर पर रॉड मारकर, खंजर, चाकू, जंजीरे लेकर खुद को लहूलुहान कर रहे थे। जुलूस के दौरान हर तरफ अली मौला, हैदर मौला की सदायें गूंज रही थी वहीं, खूनी मंजर देखकर गमजदा महिलाएं रो रही थी।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]इन रास्तों से निकला दसवीं मुहर्रम का जुलूस[/penci_blockquote]
पुराने लखनऊ में दसवीं मुहर्रम का जुलूस अकबरी गेट से शुरू हुआ जो नक्खास, बिल्लौचपुरा, हैदरगंज होते हुए कर्बला तालकटोरा पहुंचकर समाप्त हुआ। जुलूस जैसे ही इमामबाड़े से निकला वैसे ही वहां मौजूद हजारों अजादारों ने उसे चूमना शुरू कर दिया। आजाददार हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद कर रो रहे थे। जुलूस जहां जहां से निकला उन रास्तों पर लोग चाकू, छुरी और खंजर से खुद को लहूलुहान कर गमगीन कर रहे थे। जिन्हें देखने के लिए हजारों की भीड़ सड़को और घरों की छतों पर खड़ी थी। मातम के ये आलम राजधानी के विभिन्न इलाकों में निकाला गया। इनमें चिनहट, हजरतगंज, निशातगंज, आलमबाग, बीकेटी, इटौंजा, निगोहा, नागरम, बंथरा, सरोजनीनगर, मोहनलालगंज, काकोरी, मलिहाबाद, सहित प्रत्येक इलाकों में दसवीं मुहर्रम का जुलूस निकाला गया।

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