राजधानी के नाका थाना क्षेत्र स्थित गुरुनानक मार्केट में पिछले महीने दिनदहाड़े हुई होटल मालिक मुकेश मनवानी की हत्या के मामले में नया मोड़ आ गया है। इस बहुचर्चित हत्याकांड की जांच कर रही उन्नाव पुलिस की छानबीन में सामने आया है कि वारदात के 12 मिनट बाद ही हत्यारोपित राजेंद्र सिंह दुआ और नाका इंस्पेक्टर परशुराम सिंह के बीच डील शुरू हो गई थी। दोनों ने फोन पर 153 सेकंड तक बातचीत की थी। (mukesh manwani murder case)

हत्यारोपित ने उस दिन इंस्पेक्टर नाका के सीयूजी और निजी मोबाइल फोन पर 16 बार बातचीत की थी। यह भी पता चला है कि वारदात से पहले 21 अगस्त और 23 अगस्त को भी दुआ और इंस्पेक्टर परशुराम सिंह के बीच बातचीत हुई थी। इससे इस आशंका को बल मिल रहा है कि नाका पुलिस को मुकेश की हत्या की साजिश की जानकारी पहले से ही थी। उन्नाव पुलिस ने आरोपपत्र के साथ शक के घेरे में आए लोगों के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल्स रिपोर्ट भी कोर्ट में दाखिल कर दी है।

क्या है mukesh manwani murder case का पूरा घटनाक्रम

गौरतलब है कि नाका थाना क्षेत्र के गुरुनानक मार्केट में 26 अगस्त 2017 दिन शुक्रवार को होटल मालिक मुकेश मनवानी (40) को पुरानी रंजिश के चलते होटल व्यपारी ने ही दिनदहाड़े गोली मार दी। गोली लगते ही व्यापारी लहूलुहान होकर गिर गया। गोली चलने की आवाज सुनते ही मार्केट में भगदड़ मच गई। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने व्यापारी को गंभीर हालत में ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया। यहां डॉक्टरों ने व्यापारी को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

घटना की सूचना मिलते ही मौके पर एसएसपी दीपक कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। एसएसपी ने पुलिस को घटना के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने के निर्देश दिए। बताया जा रहा है कि चारबाग के गुरुनानक मार्केट में शुभम होटल के मालिक मुकेश मनवानी होटल चलाते थे। हत्या का आरोप रॉयल दीप होटल के मालिक बलबीर सिंह दुआ उर्फ सिंकू, उनके भाई मंजीत सिंह और रिंकू दुआ पर दुकान कब्जे को लेकर लगा।

मुकेश के भाई विक्रम मनवानी और पत्नी रिया का आरोप है कि नाका पुलिस अब भी हत्यारोपितों की मदद कर रही है।  हत्यारोपितों पर गैंगेस्टर लगाने के निर्देश एसएसपी दीपक कुमार ने शुरू में ही दिए थे। दबाव देख पुलिस ने घटना के सप्ताह भर बाद राजेंद्र सिंह दुआ सहित तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया, लेकिन राजेंद्र के बेटे मंजीत को बचाने में जुट गई। पीड़ित धरने पर बैठे तो आईजी रेंज जयनारायन सिंह के निर्देश पर जांच उन्नाव के सफीपुर थाने को सौंप दी गई थी।

एसएसपी की संस्तुति के बाद डीएम ने राजेंद्र सिंह दुआ सहित चार आरोपितों के खिलाफ गैंगेस्टर की कार्रवाई पर मुहर भी लगा दी है, लेकिन नाका पुलिस डीएम कार्यालय से फाइल रिसीव करने में आनाकानी कर रही है। पीड़ित परिवार का कहना है कि अगले सप्ताह आरोपितों की जमानत अर्जी पर सुनवाई होनी है। गैंगेस्टर लगने पर जमानत खारिज हो जाएगी, इस वजह से नाका पुलिस हीलाहवाली कर रही है। उनका यह भी दावा है कि नाका पुलिस को पूरे षड्यंत्र की जानकारी थी। मुकेश के परिवारीजनों ने इंस्पेक्टर नाका के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए सभी उच्चाधिकारियों को प्रार्थनापत्र भेजा है। (mukesh manwani murder case)

उन्नाव पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट

उन्नाव पुलिस के मुताबिक, तत्कालीन सफीपुर इंस्पेक्टर अरुण कुमार द्विवेदी ने राजेंद्र सिंह दुआ की कॉल डिटेल निकलवाई तो नाका पुलिस की करतूतें सामने आने लगीं। पता चला कि पुलिस आरोपितों को तलाशने का नाटक कर रही थी। वारदात के बाद उसकी सबसे पहले दोपहर 3:47 बजे इंस्पेक्टर नाका से बात हुई।

उसने दूसरी कॉल 4:16 बजे की, जिसमें 101 सेकंड बात हुई। उसके बाद शाम 6:25 बजे तक दोनों के बीच 14 बार बात हुई। इसमें एक कॉल खुद इंस्पेक्टर परशुराम सिंह ने अपने पर्सनल नंबर से दुआ को की थी। सबसे लंबी बातचीत 153 सेकंड की थी जबकि सबसे कम कॉल की अवधि 21 सेकंड रही।

इस मामले में आईजी रेंज लखनऊ जय नारायण सिंह ने बताया कि उन्नाव पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। हालांकि इस समय सभी आरोपित जेल में हैं। नाका कोतवाली के इंस्पेक्टर परशुराम सिंह पर लगे आरोप की जांच के लिए सफीपुर थाने से विवेचना की फाइल मंगवाई गई है। जांच में आरोप सही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। नाका इंस्पेक्टर परशुराम सिंह का कहना है कि ये आरोप गलत हैं मैंने आरोपी को पकड़ने के लिए उसे फोन किया था लेकिन बाद में नंबर बंद मिला। (mukesh manwani murder case)

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