लखनऊ विकास प्राधिकरण अक्सर चर्चा में रहता है. यहाँ घोटाले नहीं होते हैं. यहाँ दिन-दहाड़े डकैती होती है. डकैती भी ऐसी कि सरकार भी कार्रवाई करने से कतराती है. लेकिन किरकिरी होने के बाद अब विभाग की नींद खुली. LDA के बाबू (mukteshwar nath ojha) के खिलाफ विभाग ने पहली बार बड़ी कार्रवाई की है.

साढ़े 5 करोड़ के प्लॉट जब्त:

  • LDA ने मुक्तेश्वर नाथ ओझा के खिलाफ पहली बार बड़ी कार्रवाई की है.
  • विभाग ने प्रियदर्शनी योजना के भूखंड को कब्जे में ले लिया है.
  • ओझा पर फर्जी तरीके से प्लॉट को अपनी पत्नी के नाम कराने का आरोप है.
  • निलंबित होने के बाद पहली बार LDA ने बड़ी कार्रवाई की है.

पत्नी के नाम करोड़ों की प्रॉपर्टी:

  • पत्नी के नाम अब तक 4 भूखंड की बात सामने आयी है.
  • जबकि LDA के नियमानुसार एक आवंटी को एक से अधिक भूखंड आवंटित नहीं हो सकते हैं.
  • प्रियदर्शी में भूखंड 1/6 को फर्जी तरीके से विराटखंड में भूखंड संख्या 2/271 से समायोजित कर लिया गया.
  • प्रियदर्शी और जानकीपुरम योजना की 500 से अधिक फाइल गायब करने का आरोप भी इनपर है.
  • गोमतीनगर विस्तार के सेक्टर-4 में भी 8 भूखंडों के मनमाने आवंटन की आवास विकास में शिकायत भी दर्ज है.
  • प्रियदर्शी योजना में परिजनों के नाम पर भूखंड आवंटन की शिकायत भी इनके नाम पर ही है.
  • 1990 में संविदा कर्मचारी से एलडीए में काम शुरू करने वाले मुक्तेश्वरनाथ ओझा को खुद अधिकारियों की सरपरस्ती ने एलडीए में घोटालों का सरताज बना दिया.
  • 2011 में एलडीए में स्थाई नौकरी पाने के बाद तेजी से इनकी हैसियत बढ़ी.
  • इन्होने बसपा से टिकट लेकर विधानसभा चुनाव तक लड़ने की तैयारी कर ली थी.
  • हालांकि टिकट नहीं मिला जिसके बाद वो बीजेपी से भी जुगाड़ लगाते रहे.
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