सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद सरकारी आवासों में रह रहे पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास छोड़ना पड़ेगा। जिसके बाद इसका सीधा प्रभाव मायावती, अखिलेश यादव, मुलायम सिंह यादव के साथ-साथ एनडी तिवारी, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह को भी सरकारी आवास छोड़ना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राज्य संपत्ति विभाग ने सभी पूर्व सीएम को 15 दिन में बंगला खाली करने का नोटिस भेजा था। अब सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव किराए के घर की तलाश में हैं। उसके बाद वे अपने बेटे के घर में शिफ्ट हो सकते हैं।

अखिलेश सरकार ने किया था कानून में संशोधन :

साल 2016 में भी सुप्रीम कोर्ट ने एक एनजीओ की याचिका पर सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास खाली करने का निर्देश जारी किया था लेकिन तत्कालीन अखिलेश सरकार ने पुराने कानून में संशोधन कर UP मिनिस्टर सैलरी अलॉटमेंट एंड फैसिलिटी अमेंडमेंट एक्ट 2016 विधानसभा से पास करा लिया था और सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगले की सुविधा दिलवाई थी। करीब 2 साल बाद फिर से सुप्रीम कोर्ट ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बड़ा झटका देते हुए बंगला खाली करने को कहा है। बता दें कि इनमें से वर्तमान में यूपी के पूर्व कल्याण सिंह राजस्थान के राज्यपाल हैं जबकि राजनाथ सिंह केंद्रीय गृह मंत्री हैं। अब सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपने लिए घर की तलाश शुरू कर दी है।

 

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प्रतीक-अपर्णा के घर में शिफ्ट होंगे मुलायम :

सपा सूत्रों से मिल रहे जानकारी के अनुसार, मुलायम सिंह यादव अभी अपने लिए सिर्फ किराए का घर ढूंढ रहे हैं। उनके छोटे बेटे प्रतीक यादव का नया घर अभी बन रहा है जिसमें लगभग 1 साल का समय लग सकता है। यही कारण है कि प्रतीक का घर बनने तक मुलायम सिंह यादव किराए के घर में रहेंगे। हालाँकि बीच में ख़बरें थी कि वे जल्द ही बड़े बेटे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के घर में रहने जा सकते हैं लेकिन अब पार्टी नेताओं ने साफ़ कर दिया है कि प्रतीक यादव का घर बनने तक मुलायम किराए के मकान में रहेंगे।

 

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