समाजवादी पार्टी अब साफ़ तौर पर 2 भागों में बाँट चुकी है। एक तरफ सपा के बागी शिवपाल सिंह यादव हैं तो दूसरी तरफ सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव हैं। दोनों ने ही अपने संकेत दिए हैं कि वे किसी के सामने नहीं झुकेंगे लेकिन इसमें सभी को सबसे ज्यादा हैरानी सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के रुख को देखकर हो रही है। उन्होंने अब तक साफ़ तौर पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं जिसे लेकर सभी असमंजस में हैं कि मुलायम का समर्थन आखिर किसके लिए हैं ?

शिवपाल के साथ नजर आये मुलायम :

समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान संरक्षक मुलायम सिंह यादव आखिर किसकी तरफ हैं ? इस सवाल का जवाब नहीं मिल सका है। मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी मुख्यालय पहुंचे और पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं से बात की। इसके पांच दिन पहले मुलायम सिंह समाजवादी पार्टी के विरोधी और अपने छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव के साथ मंच पर नजर आए थे। मुलायम का कभी शिवपाल तो कभी अपने बेटे अखिलेश यादव की तरफ होना रहस्यमयी हो गया है। राजनैतिक पंडित भी उनकी इस दांव से असमंजस में पड़ गए हैं। उनका कहना है कि ये दांव मुलायम ने अपने राजनैतिक जीवन में पहली बार दिखाया है।

सपा कार्यालय भी पहुंचे :

जिस दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज में थे, मुलायम सिंह यादव फिर सपा कार्यालय पहुंचे। यहाँ पर उन्होंने पार्टी नेताओं और कई कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। साथ ही उन्हें चुनाव की तैयारियों में लग जाने का निर्देश दिया। शिवपाल के सपा से अलग होने के बाद से मुलायम का पार्टी मुख्यालय में यह तीसरा दौरा था। इसके पहले मुलायम दिल्ली में हुई सपा की साइकल यात्रा में हिस्सा लेने पहुंचे थे। खास बात है कि मुलायम न तो शिवपाल का समर्थन कर रहे और न ही बेटे अखिलेश की तरफ होने की बात कही है।

राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि मुलायम अभी अपने पत्ते नहीं खोलेंगे। वह इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि शिवपाल और अखिलेश के बीच सुलह हो सकती है या नहीं। मुलायम का ये संदेह पार्टी को 2019 लोकसभा चुनाव में नुकसान पहुंचा सकता है।

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