हाल ही में कुछ दिनों पहले उत्तर प्रदेश के समाजवादी परिवार में मचे आंतरिक घमासान के बाद ऐसा लगा था कि, सपा परिवार की आपस में शिकायतें खत्म हो गयी हैं। वहीँ शुक्रवार 14 अक्टूबर को सपा के शीर्ष नेतृत्व से जिस तरह के बयान सुनने को मिले हैं, उससे लगता है कि इस बार पार्टी एक बड़ी फूट की तरफ बढ़ रही है।

सीएम बोले, कोई नहीं आया तो अकेले करूँगा चुनाव प्रचार:

  • मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हर फैसले को सपा प्रमुख द्वारा बदल दिया जाता है।
  • वहीँ सपा प्रमुख अपने भाई शिवपाल को लेकर भी काफी संजीदा हैं।
  • भाई और बेटे की लड़ाई में सपा प्रमुख ने भाई का साथ दिया, जिससे सीएम अखिलेश और सपा प्रमुख के बीच दूरियां बढ़ गयी हैं।
  • एक अंग्रेजी अख़बार को दिए गए इंटरव्यू में सीएम ने ये कहा था कि, बचपन में मैंने खुद अपना नाम रखा था।
  • इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा था कि, यदि कोई नहीं आया तो अकेले प्रचार करूँगा।
  • सपा परिवार की यह नई नहीं बल्कि वही पुरानी कलह है, जो हाल ही में पार्टी के अन्दर खड़ी हु थी।
  • जब सीएम अखिलेश ने अपने चाचा से सभी विभाग और सपा प्रमुख और अपने चाचा के करीबियों को पार्टी से निकाल दिया था।
  • परिवार की इस लड़ाई में सीएम अखिलेश अकेले पड़ गए, जिससे वो काफी आहत हुए हैं।
  • हालाँकि, उन्होंने बाद में सपा प्रमुख के फैसले को मान लिए जिसमें उन्होंने शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था।

शिवपाल ने शुरू की छंटनी:

  • सीएम अखिलेश की जगह सपा प्रमुख ने शिवपाल सिंह को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया।
  • प्रदेश अध्यक्ष बनते ही शिवपाल सिंह ने अखिलेश के करीबियों को पार्टी के प्रमुख पद से या पार्टी से ही निष्कासित कर दिया।
  • जिसमें यूथ ब्रिगेड के 3 अध्यक्ष शामिल हैं।
  • इसके अलावा हर समय साए की तरह साथ रहने वाले राजेंद्र चौधरी को प्रवक्ता पद से हटा दिया।
  • वहीँ पार्टी के युवा नेताओं को सपा प्रमुख के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
  • पार्टी में एक के बाद एक अखिलेश के फैसलों को नकारने और उन्हें बदलने के चलते सीएम कहीं न कहीं आहत हैं।

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सपा प्रमुख का ऐलान:

  • शुक्रवार को लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस में सपा प्रमुख ने जो ऐलान किया, वो इस पारिवारिक कलह की आग में घी का काम कर गया।
  • सपा प्रमुख ने कहा कि, इस बार चुनाव जीतने पर विधानमंडल दल के नेता मुख्यमंत्री का चुनाव करेंगे।
  • इस बात का एक मतलब ये भी हो सकता है कि, सपा प्रमुख, अखिलेश यादव को अब मुख्यमंत्री बनायेंगे ही नहीं।

क्या शिवपाल बनेंगे मुख्यमंत्री?:

  • सपा प्रमुख ने शुक्रवार को ये बात कही थी की इस बार विधानमंडल दल के नेता मुख्यमंत्री का चुनाव करेंगे।
  • जिसके बाद यह बात तो तय है कि, सपा प्रमुख अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री नहीं बनायेंगे।
  • वहीँ सपा प्रमुख के इस फैसले के बाद क्या पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव को मुख्यमंत्री बनाया जायेगा?
  • शिवपाल सिंह यादव बेशक सपा प्रमुख की सीएम उम्मीदवार की पसंद हो सकते हैं।
  • पिछले दिनों सपा की कलह पर सपा प्रमुख ने कहा भी था कि, शिवपाल ने अखिलेश को मुख्यमंत्री जल्दी बना देने की बात कही थी।
  • वहीँ चूँकि अब सपा का मुख्यमंत्री विधानमंडल दल के नेता चुनेंगे, इससे भी शिवपाल सिंह यादव की भी उम्मीद बढ़ जाती है।
  • गौरतलब है कि, टिकट बांटने का काम शिवपाल सिंह यादव के पास है और जिन्हें वो टिकट देंगे भला वो उन्हें बदले में मुख्यमंत्री क्यों नहीं चुन सकते हैं।

क्या टूटेगी समाजवादी पार्टी?:

  • सीएम अखिलेश और सपा प्रमुख के बीच दूरी बढ़ती ही जा रही है।
  • सपा प्रमुख के लगातार सीएम के फैसलों को बदलने के चलते पार्टी टूट की कगार पर खड़ी हो गयी है।
  • पार्टी के अन्दर युवा और वरिष्ठ नेतृत्व के बीच जंग जारी है।
  • वहीँ पार्टी के अन्दर मचा हुआ घमासान सपा को आगामी चुनाव में भारी नुक्सान हो सकता है।
  • साल 2012 में बहुमत हासिल करने वाली सरकार को इस बार बुरी तरह मुंह की खानी पड़ सकती है।
  • वहीँ अगर पार्टी टूटती है तो भी सपा को बहुत बड़ा नुक्सान होगा।

लोकप्रिय सीएम है अखिलेश:

  • सपा प्रमुख के फैसले के तहत इस बार विधानमंडल दल के नेता मुख्यमंत्री चुनेंगे।
  • जिसके बाद शिवपाल सिंह यादव के मुख्यमंत्री बनने की उम्मीद भी बढ़ गयी है।
  • वहीँ गौरतलब है कि, सीएम अखिलेश प्रदेश के युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं।
  • पार्टी अगर अखिलेश यादव को चुनाव में चेहरा नहीं बनाएगी तो भी सपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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