उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में ताजमहल के पास मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण कार्य चल रहा है, जिस पर देश की सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार 24 अक्टूबर को रोक लगा दी थी, मल्टीलेवल पार्किंग पर रोक के आदेश को लेकर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी क्रम में शुक्रवार 8 दिसंबर को उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी पर्यावरण संरक्षण की रिपोर्ट को सौंप दिया है, गौरतलब है कि, मल्टीलेवल पार्किंग मामले में यूपी सरकार और सुप्रीम कोर्ट के आमने-सामने आने के बाद 27 अक्टूबर से सुनवाई जारी है।

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Uttar Pradesh News Portal : Supreme Court order on Taj mahal Multilevel parking agra

ताजमहल के पूर्वी गेट पर मल्टीलेवल पार्किंग बनाने का मामला:

  • उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में ताजमहल के पास मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण कार्य चल रहा है,
  • जिस पर देश की सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार 24 अक्टूबर को रोक लगा दी थी।
  • इसी क्रम में शुक्रवार को योगी सरकार ने मामले में पर्यावरण संरक्षण को लेकर अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है।
  • रिपोर्ट में योगी सरकार ने पेड़ लगाने, इलेक्ट्रॉनिक बस के इस्तेमाल की जानकारी दी है।
  • इसके साथ ही रिपोर्ट में यमुना नदी पर डैम बनाकर पानी का स्तर बनाये रखने के भी उपाय बताये गए हैं।
  • गौरतलब है कि, मल्टी लेवल पार्किंग के लिए यूपी सरकार ने 11 पेड़ों को काटने की इजाजत मांगी थी।

SC ने लगायी थी मल्टी लेवल पार्किंग पर रोक:

  • सूबे के आगरा जिले में ताजमहल के पास मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण कार्य चल रहा है।
  • जिस पर देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी।
  • रोक के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
  • दायर याचिका में राज्य सरकार ने SC से अपने आदेश को वापस लेने की मांग की थी।
  • राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया था।

राज्य सरकार और सुप्रीम कोर्ट हुए थे आमने-सामने:

  • SC ने आगरा में बन रही मल्टीलेवल पार्किंग के निर्माण कार्य को ढहाने का आदेश दिया था।
  • जिसके तहत राज्य सरकार ने SC में याचिका दायर की थी। SC ने मामले में सुनवाई 27 अक्टूबर से शुरू की थी।
  • सुनवाई से पहले ही राज्य सरकार और सुप्रीम कोर्ट मामले में आमने-सामने हो गए थे।
  • वहीँ मामले में सरकार का कहना था कि, उनके पास सारी अनुमति है।
  • साथ ही सरकार ने कहा कि, उनका वकील पेश नहीं हो पाया इसलिए यह आदेश जारी हुआ।

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