राजधानी के PGI इलाके में अज्ञात कार सवार बदमाशों का कहर देखने को मिला। डीजीपी ने देर रात ही पुलिस अधिकारियों से बैठक करके उन्हें क्राइम कंट्रोल करने पर दिशा निर्देश दिए थे। इस मामले को 12 घंटे भी नहीं बीते और बदमाशों ने एक टेंट व्यापारी को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। सूचना मिलते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। सरेराह हुई हत्या से इलाके में सनसनी फैल गई और देखते ही देखते आसपास के दुकानदार अपनी दुकानों का शटर गिराकर इधर-उधर हो गए। सूचना पाकर मौके पर एसएसपी दीपक कुमार सहित कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्कार्पियों में खून से लथपथ पड़े बबलू को ट्रामा सेंटर भेजा, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस मामले की पड़ताल कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया, लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल सका कि बबलू की हत्या किसने और क्यों की। पुलिस पुरानी रंजिश के अलावा लेनदेन को लेकर छानबीन कर रही है। पुलिस ने संदेह के आधार पर कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही कातिल सलाखों के पीछे होंगे।

जानकारी के मुताबिक, चारबाग क्षेत्र के रहने वाले राजकुमार उर्फ बबलू (40) का पीजीआई क्षेत्र के वृन्दावन कॉलोनी में टेंट का कारोबार करते थे। बताया गया कि रोज की तरह बबलू स्कार्पियो (UP 32 FE 2878) से वृदावन कॉलोनी में गुरुवार की दोपहर 12:30 बजेदुकान पर जा रहे थे कि जैसे ही दुकान के करीब पहुंचे कि इसी बीच असलहों से लैस बदमाशों ने ओवरटेक कर स्कार्पियो रोक लिया।

प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो जब तक वह कुछ समझ पाते कि इससे पहले बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। गोली सीने में लगते ही गाड़ी की सीट पर गिर पड़े। दिनदहाड़े गोलियों की गूंज से इलाके के लोगों में भगदड़ मच गई। सूचना पाकर एसएसपी दीपक कुमार सहित कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए, लेकिन इससे पहले बदमाश वारदात को अंजाम देकर भाग चुके थे।

स्कार्पियो में पड़ा मिले खून से लथपथ बबलू

मौके पर पहुंची पुलिस ने वाहन के भीतर से घायल राजकुमार को आनन-फानन में ट्रामा सेंटर भेजा,जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक वारदात की वजह प्रथम दृष्टया पुरानी रंजिश का मामला लग रहा है। उन्होंने बताया इसके अलावा भी कई बिंदुआ पर पड़ताल कर कातिलों की तलाश की जा रही है। फिलहाल पुलिस करीब घंटे भर वजह तलाशती रही लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल सका कि हत्या किसने और क्यों की है। इसके अलावा खबर लिखे जाने तक यह पता नहीं चल सका था कि परिवार के कितने सदस्य है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

रंजिशन या फिर कोई और वजह

टेंट व्यवसायी राजकुमार यादव पत्नी रीना, मां विद्या देवी व दो भाई रामाशंकर यादव व रामेश्वर यादव के साथ आलमबाग के मिल रोड स्थित मवैया के पास रहते थे। राजकुमार की हत्या की खबर मिलते ही मानों घरवालों के ऊपर पहाड़ टूट पड़ा। आनन-फानन में रामाशंकर समेत परिवार के अन्य लोग मौके पर पहुंचे तो राजकुमार की दशा देख बेहाल हो गए। वहां पर मौजूद अन्य करीबी उन्हें संभालने में लगे रहे। मृतक के भाई व करीबी इस बात को लेकर परेशान थे कि घर में मौजूद पत्नी रीना को घटना की जानकारी कैसे दी जाए। रामाशंकर घर पहुंचे तो उनके आंसुओं ने पत्नी के सामने सारी दास्तां खुद ब खुद बयां कर रही थी।

परिवारीजनों का रो-रोकर बुरा हाल

वारदात के बाद से राजकुमार यादव के परिवार के करीबियों का आना जाना था। मृतक के छोटे भाईयों व पत्नी व बहनों की बिलख देख हर कोई अपने आप को नहीं रोक पा रहा था। सब की जुबान पर बस एक ही सवाल था कि आखिर राजकुमार ने कौन सी ऐसी खता की थी जो उसे इतनी बड़ी सजा हत्यारों ने दी। फिलहाल परिवारीजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

खून से लथपथ देख मां व पत्नी बेहोश

मवैया निवासी राजकुमार यादव की मां विद्या देवी व पत्नी रीना यादव को जैसे अब दुनियां में राजकुमार को न रहने की बात रामाशंकर ने बताया तो वह बोल पड़ी कि सब लोग झुठ बोल रहे हैं। यह कहते हुए सास-बहू बेसुध हो गईं। कभी रोती थीं तो कभी यह कह कर मां विलाप रही थी कि मेरे बेटे से मिलवाओ। पति की दशा देख रीना बेहोश हो गई। वहीं बेहाल मां विद्या देवी घर पर आने वाले हर श स से पूछती रही कि मेरा बेटा कहां है।

किसी जानने वालों पर गहराया शक

पुलिस का मानना है कि व्यवसाय से जुड़े किसी श स से लेनेदेन या फिर एक साथ बैठने के बाद किसी बात को लेकर उपजे विवाद का मामला हो सकता है,लिहाजा इसी कड़ी को जोड़कर मामले की पड़ताल की जा रही है। सूत्रों की मानें तो पुलिस का शक किसी जानने वाले पर ही गहरा रहा है,जिसे हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ शुरू कर दी है। हालांकि अभी इस मामले में पुलिस अफसर कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। एसएसपी दीपक कुमार का कहना है कि इस बाबत कुछ अहम सुराग मिले हैं और जल्द ही कातिल पकड़ लिए जायेंगे।

सबके मुंह पर दहशत का ताला

वृन्दावन कॉलोनी के पास मामा चौराहा है,जहां हर समय काफी भीड़भाड़ भी रहती है,लेकिन किसी श स यह बताने को राजी नहीं था कि यहां गोलियां चली थीं। इतनी बड़ी भीड़ के बीच टेंट व्यवसायी राजकुमार यादव को गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया गया,लेकिन किसी को भनक तक नहीं लग सकी। असलहा लहराते हुए बदमाश मौके से भाग भी निकले,लेकिन कोई चश्मदीद बोलने को तैयार नहीं है। लोगों की चुप्पी से पुलिस कयास लगा रही है कि हत्यारा कोई ऐसा व्यक्ति है,जिसे लोग जानते-पहचानते हैं और उससे खौफ खा रहे हैं।

अराजक तत्वों का अड्डा है मामा चौराहा

जानकार सूत्र बताते हैं कि इस चौराहे पर सुबह से देर रात जाम छलकते हैं और जुआ भी लाखों में खेला जाता है। सूत्र यह भी बता रहे हैं कि स्थानीय पुलिस सबकुछ जानती है फिर भी उन अराजक तत्वों की गर्दन पर हाथ डालने की हि मत नहीं जुटा पा रही है। नाम न छापने की शर्त पर मामा चौराहा के पास रहने वाले एक श स ने बताया कि यहां तो हर रोज किसी न किसी के बीच कहासुनी होती रहती है अगर कोई अनजाना व्यक्ति इनसे भिड़ा तो अराजक तत्व उसके ऊपर कहर बनकर टूट पड़ते हैं। इस बाबत एसएसपी दीपक कुमार कहते हैं कि इससे भी नकारा नहीं जा सकता लिहाजा उन्होंने मामा चौराहे के पास बैठे वाले हर संदिग्ध लोगों पर रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि इस मामले में स्थानीय पुलिस लापरवाही मिली तो उन्हें लाइन भेजने के साथ उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है।

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें