अयोध्या में सोमवार को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की मुस्लिम महिलाओं ने रामलला के दर्शन किए। इससे पहले तुलसी स्मारक भवन में मुस्लिम राष्ट्रीय महिला फोरम द्वारा एक प्रांतीय सम्मेलन आयोजित किया गया। जिसमें मुस्लिम महिलाओं को अपने ऊपर हो रहे तीन तलाक व अन्य महिला उत्पीड़न के विषय मे खुल कर अपनी बात रखने के लिये मंच पर आमंत्रित किया गया।

इस दौरान राम मंदिर बनाने के लिये सभी मुस्लिमों को आगे आने के लिये निमंत्रण दिया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख प्रचारक इंद्रेश कुमार मौजूद रहे। महिला हित बात कर रहे महिला वक्ताओं ने महिलाओं के आत्म-सम्मान और उनके हक की बात की। कहा कि महिलाओं के ऊपर हो रहे अत्याचार और पक्षपातपूर्ण व्यवहार के खिलाफ महिलाएं एक हैं और समाज में एकता की मिशाल भी पेश कर रही हैं।

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रामलला का टेंट में रहना देश के लिए शर्मनाक बात

रामलला के दर्शन कर लौटी रेशमा ने बताया कि राम जन्मभूमि के इस मसले को दोनों पक्षों को बैठकर आपसी सहमति से मिलकर हल निकालना चाहिए, ना कि कोर्ट कचहरी के चक्कर में पड़ना चाहिए। कहा कि हिन्दुस्तान के अन्दर राम का जन्म हुआ और यहां भी राम टेंट में रहेंगे यह बड़े ही शर्म की बात है। इस दौरान महिलाओं ने नारा भी लगाया। ‘देश में खुशहाली लाएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे।‘ देश में एकता लाएंगे मंदिर यहीं बनाएंगे।

कैबिनेट मंत्री ने कहा महिलाओं को भी समानता का अधिकार

कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि भारत वर्ष में प्रत्येक व्यक्ति को समानता का अधिकार है। उसी तरह से देश के महिलाओं को भी समानता का अधिकार मिलना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि मंच के महिलाओं के राम मंदिर जाने का क्या उद्देश्य है तो इस प्रश्न से बचते नजर आए और कहा कि मैं तो जरूर रामलला के दर्शन के लिए जरूर जाऊंगा।

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