महात्मा गांधी के 150वीं जयंती वर्ष के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए लॉन्च हुए नेशनल एजेंडा फोरम (NAF) को देशभर से अपार समर्थन मिल रहा है। नेशनल एजेंडा फोरम युवाओं द्वारा शुरू की गई एक अनूठी पहल है, जिसका मकसद आम चुनाव 2019 के लिए योग्य एजेंडा तैयार करना है। नेशनल एजेंडा फोरम को अब तक देश के 500 से ज्यादा जिलों के 28,901 युवा एसोसिएट्स, 142 प्रतिष्ठित शख्सियत और 206 सामाजिक संगठनों ने समर्थन दिया है। 

लगातार बढ़ रहा समर्थन:

फोरम को कई गांधीवादी संगठन मसलन- गांधी स्मारक निधि एवं सर्वोदय आश्रम समेत कई जानी-मानी हस्तियों, बॉक्सर एवं गोल्ड मेडलिस्ट मैरीकॉम, कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक विजेता बबिता फोगाट, अभिनेता पीयूष मिश्रा के अलावा कई मशहूर शख्सियतों ने समर्थन दिया है। मध्य प्रदेश से संबंध रखने वाली कई प्रतिष्ठित शख्सियतें भी नेशनल एजेंडा फोरम के साथ आई हैं। वागेश्वरी अवॉर्ड से सम्मानित लेखक मनीष वैद्य, गांधी भवन न्यास के अरविंद चतुर्वेदी, वरिष्ठ लेखक विजय बहादूर सिंह, क्रिकेटर इश्वर पांडे, पूर्व हॉकी खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद के अलावा गांधीजी द्वारा शुरू की गई पत्रिका ‘वीणा’ के संपादक राकेश शर्मा ने भी नेशनल एजेंडा फोरम को अपना समर्थन दिया है।

फ़ोरम का उद्देश्य गाँधी के 18-सूत्रीय रचनात्मक कार्यक्रम को पुनर्जीवित करना:

 इसके अलावा भारत के लिए योग्य एजेंडा तैयार किया जाना भी इस फोरम का मकसद है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर लॉन्च किए गए नेशनल एजेंडा फोरम के तहत 14अगस्त 2018 तक सभी नागरिक इनकी वेबसाइट पर जाकर कर अपना वोट देकर एजेंडा तय कर सकते हैं.

15 अगस्त 2018 को लोगों द्वारा तय किए गए देश के एजेंडा का ऐलान होगा। इसके बाद सितम्बर से अक्टूबर में चुने गए नेता के साथ युवा वॉलेंटियर्स की मीटिंग करायी जायेगी. जहां चुना गया नेता वालंटियर्स के बीच अधिकारिक तौर पर यह सुनिश्चित करेगा कि तय किये गए एजेंडा को वह जनवरी 2019 में अपनी पार्टी के घोषणापत्र में शामिल करेंगा.

क्या है IPAC ?

दरअसल इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (IPAC) शिक्षित युवाओं और युवा पेशेवरों का एक ऐसा प्रभावी मंच है. यहाँ भारतीय राजनीतिक व्यवस्था में हिस्सा लेने के इच्छुक युवाओं को बिना किसी राजनीतिक दल का हिस्सा बने आने वाली सरकारों के एजेंडा को स्थापित करने के लिए सार्थक रूप से मौका दिया जाता है.

IPAC की शुरुआत 2013 में सिटिजन फॉर एकाउंटेबल गवर्नेंस (CAG) के तौर पर हुई. यह पिछले 5 सालों से सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र में काम कर रही है. इस ग्रुप की स्थापना देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों से पढ़े-लिखे युवा प्रोफेशनल्स के द्वारा की गई है. यह भारत की पहली पॉलिटिकल एक्शन कमेटी है. IPAC ने चुनाव लड़ने और प्रचार करने के तरीकों में प्रोफेशनलिज्म और इनोवेशन के जरिए बदलाव लाने का काम किया है.

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