सरकार सर्व शिक्षा अभियान के लिये लाखों करोड़ों पानी की तरह बहा रही है। लेकिन विभाग और उनके मातहत कर्मचारी कैसे इस योजना का पलीता लगा रहे है। इसकी ताजा बानगी गाजीपुर मे देखने को मिली। वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इस मामले में कार्रवाई की बात की है।

सर्व शिक्षाअभियान का पलीता लगा रहा है ये विद्यालय

जनपद गाजीपुर का बेसिक शिक्षा कार्यालय से महज 50 मीटर की दुरी पर चलने वाला प्राथमिक विद्यालय मिश्र बाजार जहां पूर्व आदेश के अनुसार सभी विद्यालयो को 11 बजे तक खोलने का आदेश जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से दिया गया था। लेकिन उनके इस आदेश का शिक्षक कैसे पलीता लगाते है इसकी बानगी इस विद्यालय पर देखने को मिली। जब दिन के बारह बजे स्कूल की टीचर व प्रधानाचार्य पहुंचे। और पूछने पर कहां की स्कूल चाहे 11 खुले या 12 बजे खुलना चाहिये।

जब कि इनके आने से पूर्व ही स्कूल की रसोईया घंटो इस ठण्ड मे अध्यापक का इंतजार करती रही है।  इतना ही नही स्कूल मे ताला बंद देखकर छात्र भी वापस इस उम्मीद मे चले गये की आज भी स्कुल बंद है। इस मामले पर बेसिक शिक्षा अधिकारी से जानने का प्रयास किया तो उनका कहना है की इस तरह का मामला आपके द्वारा संज्ञान मे लाया गया है, निश्चित रूप् से कारवाई किया जायेगा।

सरकार की मुफ्त शिक्षा देने वाली है ये अभियान

सर्व शिक्षा अभियान भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है। इसकी शुरूआत अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा एक निश्चित समयावधि के तरीके से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए किया गया।  जिसके तहत 6 से 14 साल के बच्चों की मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के प्रावधान को मौलिक अधिकार बनाया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य 2010 तक संतोषजनक गुणवत्ता वाली प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण को प्राप्त करना है। एसएसए  में 8 मुख्य कार्यक्रम हैं। इसमें आईसीडीएस  और आंगनवाड़ी आदि शामिल हैं। इसमें केजीबीवीवाई  भी शामिल है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना की शुरूआत 2004 में हुई जिसमें सारी लड़कियों को प्राथमिक शिक्षा देने का सपना देखा गया, बाद में यह योजना एसएसए के साथ विलय हो गयी।

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