उत्तर प्रदेश में बच्चों को बाँटने वाली पंजीरी का बड़ा खेल खेला जा रहा है.यूपी में 42 हजार करोड़ का पंजीरी घोटाला हुआ इसकी हकीकत जानने के लिए जब हमारी टीम ने 12 जिलों में औचक निरीक्षण किया तो आंगनबाड़ी केंद्रों पर न बच्चे मिले, न पंजीरी. आंगनबाड़ी केंद्रों में रजिस्टर में बंटती पंजीरी जहां बंटी वहां की क्वालिटी बहुत बदत्तर मिली. लखनऊ, गोरखपुर में तो यह हाल मिला कि यहां की पंजीरी तो जानवर भी नहीं खाते. इन केंद्रों से बच्चों को मिलने वाली पंजीरी को अधिकारियों ने लूट लिया. आज मुख्यमंत्री योगी कर रहे समीक्षा सीएम की समीक्षा के पहले चढ्डा-अग्रवाल-खंडेलवाल सिंडिकेट पर हमने खुलासा किया. अब देखने वाली बात यह होगी कि कब इन घोटालेबाजों पर सरकार का डंडा चलेगा? कब लुटेरों के संरक्षक निदेशक आनंद सिंह नपेंगे? ताज़ा मामला प्रधानमंत्री के संसदीय वाराणसी का है. जहाँ आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पिछले एक साल से पंजीरी नही बांटी गई है. यहाँ बच्चे आते तो हैं लेकिन केंद्र नहीं खुलने से भूखे वापस लौट जाते हैं.

रजिस्टर में लगती है बच्चों की फर्जी हाजिरी-

  • पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के किसी भी केंद्र पर बच्चों को पंजीरी नही दी मिलती है.
  • बच्चे यहाँ आते तो हैं लेकिन आंगनबाड़ी केंद्र समय से न खुलने के चलते भूखे लौट जाते हैं.
  • जिसके बाद चलता है इन आगनबाडी केन्द्रों पर घोटाले का खेल.
  • बता दें की आंगनबाड़ी केन्द्रों के रजिस्टर पर बच्चों की फर्जी हाजरी तो रोज़ लगती है.
  • लेकिन पिछले एक साल से यहाँ पंजीरी का वितरण नही हुआ है.
  • यही नही वाराणसी के लल्लापुर में आंगनवाड़ी केंद्र राशन का गोदाम बना हुआ है.
  • जहाँ मोहल्ले के राशन वालों का इसे अपने गोदाम की तरह इस्तेमाल करते हैं.
  • इस दौरान हमारे रियलिटी चेक की खबर पाते ही केंद्र की सुपरवाइजर तत्काल यहाँ पहुँच गईं.
  • यही नही सुपरवाइजर नीलू मिश्रा के गुर्गो ने रिपोर्टर से धक्का-मुक्की तक कर डाली.

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