इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और प्रान्तीय चिकित्सा सेवा संघ ने ‘नशा मुक्ति आन्दोलन’ संस्था के साथ मिलकर प्रदेशभर तम्बाकू के खिलाफ जागरूकता मुहिम शुरू करने का ऐलान किया है। रविवार को आईएमए भवन में नशा मुक्ति आन्दोलन और इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में एक प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। प्रेसवार्ता में आईएमए के अध्यक्ष डा. सूर्यकान्त एवं पीएमएस की तरफ से डा. आशुतोष दुबे ने तम्बाकू के खिलाफ जागरूकता मुहिम में नशा मुक्ति आन्दोलन का साथ देने की घोषणा की है।

पुर्तगालियों द्वारा भारत में आयी तम्बाकू

डा. सूर्यकान्त ने कहा कि ‘नशा मुक्ति आन्दोलन’ यह पहली ऐसी संस्था है जो चिकित्सकों को साथ लेकर जागरूकता अभियान चला रही है। उन्होंने बताया कि तम्बाकू भारत में लगभग 500 वर्ष पहले पुर्तगालियों द्वारा में लायी गयी थी। जहाॅगीर ने सबसे पहले इस पर टैक्स लगाया कि तम्बाकू एक जहर है। तम्बाकू से 40 तरह के कैंसर व 25 तरह की अन्य बीमारियां होती है । जब कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो 30 प्रतिशत धुवा पीने वालेा के फेफाडे में जाता है तथा शेष 70 प्रतिशत धूम्रपान के रूप में अन्य लोगो के फेफडो में जाता है।

तम्बाकू पर प्रतिबंध लगाए सरकार

नशा मुक्ति आन्दोलन के संयोजक बृजनन्दन यादव ने बताया कि तम्बाकू कंपनियां राष्ट्रद्रोही हैं। आज उत्तर प्रदेश की जनता विशेषकर युवाओं को नशा से मुक्ति दिलाना सबसे बडी चुनौती है। नशा मुक्ति आन्दोलन प्रदेश सरकार से मांग करती है कि उत्तर प्रदेश में पूर्ण रूप से तम्बाकू पर प्रतिबंध लगे तभी उत्तर प्रदेश स्वस्थ समृद्ध व स्वावलम्बी प्रदेश बन सकेगा। बृजनन्दन ने बताया कि विश्व तंबाकू निषेध दिवस 31 मई से 15 जून तक नशा मुक्त पखवाड़ा मनाया जायेगा। इसमें शिक्षा चिकित्सा एवं समाज सेवा से जुड़ी संस्थाओं का सहयोग लिया जायेगा। डा. आशुतोष दुबे ने कहा कि तम्बाकू के खिलाफ महाभियान लेने की जरूरत है। तम्बाकू का सेवन करने वाला व्यक्ति टीबी का शिकार हो जाता है। पुरूषो की प्रजनन क्षमता भी तम्बाकू व बीडी सिगरेट से घटती है।

सिगरेट का एक कश पांच मिनट जिंदगी कम कर रहा

प्रेसवार्ता में नशा मुक्ति आन्दोलन के डा. अनुरूद्ध वर्मा ने कहा कि जन स्वास्थ्य के लिए तंबाकू बड़ा खतरा है। इसकी बिक्री न रूकने के कारण चिकित्सा व्यस्था लड़खड़ा गयी है। सिगरेट का एक कश पांच मिनट जिंदगी का कम कर रहा है। डा. वर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष नशा मुक्ति आन्दोलन के तहत कुल 15 जिलों में जागरूकता अभियान चलाया गया था। इस वर्ष हम लोग प्रदेश के सभी जिलों तक जायेंगे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रान्त के सह प्रान्त कार्यवाह प्रशान्ट भाटिया ने कहा कि संघ नशे के खिलाफ मौन अभियान स्थापना काल से ही चला रहा है। उन्होंने बताया कि संघ ने 2016 की नागौर राजस्थान की प्रतिनिधि सभा में संघ के स्वयंसेवकों व समाज से नशा मुक्ति के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने के लिए प्रस्ताव पास किया था। महिला रोग विशेषज्ञ डा. रेखा तिवारी ने कहा तम्बाकू व धूम्रपान सेवन करने के कारण उसका दुष्प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं भी धूम्रपान कर रही है जो उनके व उनके होने वाले बच्चे के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव डालती हैं।

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