चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में नई वीवीपैट मशीने लगवाने का फैसला लिया हैं. गौरतलब हैं कि कैराना और नूरपुर में हुए उपचुनावों में बड़ी मात्रा में वीवीपैट खराब हो जाने के बाद काफी हंगामा हुआ था जिसके बाद आज कैराना के 73 बूथों पर दोबारा मतदान हो रहा हैं. 

 

भारत निर्वाचन आयोग ने यूपी को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की 1.70 लाख वीवीपैट मशीनें आवंटित की हैं। अगले महीने से इसकी आपूर्ति भी शुरू हो जाएगी।

चुनाव आयोग ने ये भी फैसला लिया है कि इस बार कैराना व नूरपुर के उपचुनाव में धोखा देने वाली वीवीपैट आगामी लोकसभा चुनाव में यूपी में उपयोग में नहीं लाई जाएंगी।

बता दें कि विपक्षी डाल लगातार EVM मशीनों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते रहे हैं, जिसके बाद चुनाव आयोग ने कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए वीवीपैट लगाकर चुनाव करवाने का फैसला लिया था. लेकिन वीवीपैट में आई खराबी के बाद सवाल और ज्यादा उठाना शुरू हो गये. बता दें की उपचुनावों में 2056 पोलिंग बूथ में से 384 वीवीपैट खराब हो गए थे। अधिकारियों ने इसके पीछे की वजह भीषण गर्मी बताई जिसके कारण इसमें लगे सेंसर ने काम करना बंद कर है। इस कारण वीवीपैट हैंग कर गईं।

खराब हुई मशीनें कुल लगी वीवीपैट का 18 फीसद से भी अधिक है। जो वीवीपैट खराब हुईं, वह इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआइएल) की हैं।

गोरखपुर संसदीय सीट के उपचुनाव में भी 25-30 पोलिंग बूथ पर वीवीपैट खराब हुए थे। उसमें भी ईसीआइएल के वीवीपैट लगे थे।

इसको देखते चुनाव आयोग ने यूपी में नई वीवीपैट के साथ चुनाव कराने का निर्णय लिया है। उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी रत्नेश सिंह ने बताया कि प्रदेश को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए 1.70 लाख नई वीवीपैट मिलेंगी। सभी बीईएल कंपनी की हैं। इस कंपनी की वीवीपैट की खराबी की सूचना अभी तक नहीं मिली है। ईवीएम भी बीईएल कंपनी की रहेंगी।

इंजीनियरों से मांगी जाएगी रिपोर्ट 

चुनाव आयोग खराब होने वाली वीवीपैट के इंजीनियरों से इसकी टेक्नीकल रिपोर्ट तलब करेगा। यह वीवीपैट ईसीआइएल कंपनी की हैं। पुनर्मतदान निपटने के बाद इसके इंजीनियरों से विस्तृत रिपोर्ट ली जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद इसकी कमियों को दूर किया जाएगा।

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