उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिला में मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आयी है। यहाँ कमालगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गर्भवती का गेट पर ही प्रसव हो गया और नवजात की मौत हो गई। परिजनों ने स्टाफ नर्स पर भर्ती करने के बजाय गर्भवती को धक्का देकर निकालने का आरोप लगाया है। सीएमओ डॉ. अरुण कुमार मामले की जांच का भरोसा दिया है, उन्होंने कहा कि इस संबंध में जाँच के बाद आगे की कार्रवाई की जा रही है।

जानकारी के मुताबिक, भूलनपुर चिरपुरा गांव निवासी पुष्पेंद्र ने बताया कि उसकी पत्नी रीतू (26) को बुधवार सुबह करीब 11 बजे प्रसव पीड़ा हुई। वह आशा कार्यकर्ता श्रीदेवी के साथ एंबुलेंस से पत्नी को 12 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचा। स्टाफ नर्स रश्मि ने भर्ती करने के बजाय लोहिया अस्पताल ले जाने के लिए कहा। दूसरी स्टाफ नर्स ने कहा कि प्रसव दस मिनट में हो जाएगा, पर रश्मि ने लोहिया अस्पताल ले जाने की बात कहते हुए रीतू को धक्का देकर निकाल दिया।

रीतू अपनी सास धन देवी और पति के साथ गेट तक पहुंची थी कि प्रसव हो गया। आसपास की महिलाओं ने साड़ी बांधकर आड़ किया। प्रसव के दौरान नवजात की मौत हो गई। प्रसूता के घर वालों का आरोप है कि स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर तमाशबीन बने रहे। प्रसव होने के बाद नर्स रश्मि बाहर आई और रीतू को ले जाकर भर्ती किया। महिलाओं के प्रसव के मामले में डॉक्टरों की लापरवाही का ये कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी प्रदेश के कई जिलों में महिलाओं के अस्पताल के बाहर प्रसव होने से नवजातों की मौत हो चुकी है।

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