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मुजफ्फरनगर से लश्कर-ए-तैयबा के 2 फाइनेंसर सर्राफा कारोबारी गिरफ्तार

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उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिला से पुलिस ने लश्कर-ए-तैयबा के दो फाइनेंसर सर्राफ कारोबारियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। गिरफ्तार किये गए आरोपियों का नाम दिनेश उर्फ अंकित गर्ग व आदीश कुमार जैन बताया जा रहा है। दोनों को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गिरफ्तार किया है। एनआईए के मुताबिक, दोनों हवाला कारोबार से भी जुड़े थे। एनआईए ने तीन फरवरी को दोनों के घरों व प्रतिष्ठानों पर छापा मारकर लगभग 48 लाख रुपये नकदी व नोट गिनने की मशीन समेत कई अहम दस्तावेज जब्त किए थे। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद इस प्रकरण में गिरफ्तार होने वाले अभियुक्तों की संख्या बढ़कर 7 हो चुकी है।

इससे पहले ये लोग हो चुके गिरफ्तार

इससे पहले एनआईए पांच अभियुक्तों औरंगाबाद (महाराष्ट्र) निवासी शेख अब्दुल नईम उर्फ सोहेल खान, गोपालगंज (बिहार) निवासी धन्नू राजा उर्फ बब्लू व महफूज आलम, पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) निवासी तौसीफ अहमद मलिक तथा रुड़की (उत्तराखंड) निवासी अब्दुल समद को गिरफ्तार कर चुकी है। इसमें शेख अब्दुल नईम लश्कर का बड़ा आतंकी है। वह वर्ष 2006 में हैदराबाद में हुए ब्लास्ट का मुख्य आरोपी है।

रुड़की निवासी हवाला कारोबारी अब्दुल समद की गिरफ्तारी के बाद मुजफ्फरनगर के दोनों सर्राफाओं के नाम सामने आए थे, जो आतंकियों को फंडिंग करते थे। जिसके बाद तीन फरवरी को एनआईए व एटीएस ने मुजफ्फरनगर से सराफा कारोबारी 34 वर्षीय दिनेश गर्ग उर्फ अंकित गर्ग पुत्र नारायण दास गुप्ता और 54 वर्षीय आदीश कुमार जैन पुत्र स्व. श्रीराम जैन के चार ठिकानों पर छापा मारा था। लंबी पूछताछ के बाद एनआईए ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों सउदी अरब के कुछ भारतीय मूल के सोने के तस्करों से टेलीफोन के माध्यम से संपर्क में थे और सोने की खरीद-फरोख्त में हवाला के माध्यम से लश्कर के एजेंटों से लेन-देन कर रहे थे।

संजीव शर्मा भी हो चुका है गिरफ्तार

मुजफ्फरनगर में छापे के दौरान दिनेश गर्ग उर्फ अंकित गर्ग के पास से 15 लाख रुपये नकद, नोट गिनने वाली दो मशीनें, एक भारतीय पस्टिल, एक लैपटॉप, चार मोबाइल फोन व कुछ दस्तावेज बरामद हुए थे। इसी तरह आदीश कुमार जैन के घर व दुकान से 32.84 लाख रुपये, एक चीन नर्मिति पस्टिल, दो लैपटॉप, तीन मोबाइल फोन, कुछ दस्तावेज एवं सउदी अरब, यूएई, कतर, अमेरिका, जापान, थाइलैंड व ओमान की मुद्रा बरामद हुई थी। बता दें कि लश्कर-ए-तैयबा को फंडिंग करने के लिए वेस्ट यूपी के मुजफ्फरनगर, देवबंद और उत्तराखंड के रुड़की में हवाला कारोबारी सक्रिय हैं। एनआईए की जांच में यह बात पुख्ता हुई है। मुजफ्फरनगर से ही पिछले साल धर्म परिवर्तन कर आतंकी बना संजीव शर्मा उर्फ आदिल कश्मीर से गिरफ्तार हुआ था। आदिल भी एलईटी के लिए काम कर रहा था।

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