मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर डीजीपी ओपी सिंह तक पुलिस की छवि सुधारने के लिए भागीरथ प्रयास कर रहे हैं। हर कार्यक्रम और बैठक में वह पुलिस को अपना व्यवहार सुधारने और फरियादियों की धैर्यपूर्वक पीड़ा सुनने व आम जनता से दोस्ताना संवाद करने की नसीहत देते हैं। हालांकि, राजधानी पुलिस पर इन नसीहतों का जरा भी असर नहीं पड़ रहा। पुलिसकर्मियों का कोई न कोई ऐसा मामला सामने आ ही जाता है जिससे सवाल उठने लगते हैं। एक ऐसा ही मामला निगोहा पुलिस की बर्बरता की सामने आई है जिसमें एक दलित युवक की पुलिस वालों ने जमकर पिटाई की है। युवक का आरोप है कि पुलिस एक मामले में उसे पूछताछ के लिए ले गई थी, जहां उसकी पीटाई की गई है।

पुलिसकर्मी पर है आरोप

जानकारी के मुताबिक राजधानी लखनऊ के निगोहा थाना क्षेत्र के भगवानपुर गांव का नन्नहू रावत रहने वाला है। आरोप है कि निगोहाँ थाने के सिपाही राजेश पांण्डेय ने एक मामले मे पूछताछ उसे पूछताछ के लिए थाने ले गया था। जिसके बाद इस दलित युवक की जमकर लात-घूसों व बेल्ट से पीटाई की गई है। इस दौरान जेब में रखे 100 रुपये छीन लिया।  इस दलित युवक की कितनी बेरहमी से पीटाई की गई है इसका अंदाजा उसके जख्म देखकर ही लगाया जा सकता है। इस दौरान पुलिस ने बेल्ट से उसके पैरों में मारा है।

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