मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शाम अपने आधिकारिक निवास पर पार्टी विधायकों की एक बैठक बुलाई। इस बैठक में पार्टी 9वें उम्मीदवार की जीत के लिए रणनीति तैयार की गई है क्योंकि सत्तारूढ भाजपा के लिए भी राज्यसभा का चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुका है। भाजपा अपने बल पर 8 सीटोंं में तो आसानी से जीत हासिल कर लेती और एक सीट सपा की झोली में चली जाती, लेकिन भाजपा ने 9 उम्मीदवार मैदान में उतारकर संघर्ष की स्थिति पैदा कर दी है। सीएम योगी की इस बैठक में समाजवादी पार्टी का 1 विधायक भी पहुंचा था जिसके बाद नयी चर्चाएँ शुरू हो गयी हैं।

राज्यसभा चुनाव को लेकर हुआ पूर्वाभ्यास

चुनाव में जीत के लिए एक उम्मीदवार को पहली प्राथमिकता वाले 37 वोट हासिल होने पर ही जीत हासिल होगी। बैठक के दौरान भाजपा विधायकों को उन उम्मीदवारों के बारे में बताया गया जिनके पक्ष में विधायकों को मतदान करना है। मतदान के दिन किसी भी तरह की भ्रम की स्थिति से बचने के लिए मतदान का एक पूर्वाभ्यास भी किया गया। पूर्वाभ्यास में चुनाव कैसे किया जाये बैलेट पेपर से वोट कैसे डाला जाये। वोट कैसे करना है इन तमाम बिंदुओं पर चर्चा हुई।

भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बुधवार रात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर रात्रिभोज का आयोजन किया। इस रात्रिभोज में 23 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव पर मंथन किया। रात्रिभोज में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने विधायकों के साथ चुनाव को लेकर रणनीति बनाई। सीएम के रात्रिभोज में सभी सहयोगी दलों के विधायक भी मौजूद रहे।

 

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सपा विधायक पहुंचे सीएम आवास :

लखनऊ में 5, कालिदास मार्ग पर आयोजित विधायकों के इस कार्यक्रम में सभी भाजपा विधायक पहुंचे हुए थे। इस बैठक में समाजवादी पार्टी के हरदोई सदर से विधायक नितिन अग्रवाल भी पहुंचे थे। समाजवादी पार्टी में राज्य सभा चुनावों के पहले इसे पहली बगावत माना जा रहा है। नितिन अग्रवाल के पिता राज्य सभा सांसद नरेश अग्रवाल पहले ही भाजपा ज्वाइन कर चुके हैं। राज्य सभा चुनावों के पहले सपा के खेमे में सेंध लगना तय माना जा रहा है। यही कारण है कि विधायकों को एकजुट रखने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी रात्रि भोज का आयोजन किया था।

 

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