जिले में कायमगंज में जिस जाति का भाजपा से विधायक है उसी जाति के लोग अपनी जाति के प्रमाण पत्र बनवाने के लिए तहसीलो के चक्कर काट रहे है। मामला तहसील कायमगंज व तहसील अमृतपुर का प्रकाश में आया है क्योंकि जितेंद्र खटीक नाम के आदमी ने जिलाधिकारी से शिकायत की है।

कम्प्यूटराइज जाति प्रमाण नहीं किये जा रहे जारी:

जीतेन्द्र खटिक ने कहा कि वर्षो पहले हमारी जाति के लोगो के हाथो से लिखित जाति प्रमाण पत्र जारी किये जाते थे लेकिन वर्तमान समय मे हमारी जाति के लोगो के कम्प्यूटराइज जाति प्रमाण पत्र जारी नही किये जा रहे है। जिस कारण हमारे परिवारों का भविष्य अंधकार में जा रहा है।

जबकि पड़ोसी के जनपदों में हमारी जाति के प्रमाण पत्र लगातार जारी किये जा रहे है। उसने बताया कि, “सिविल न्यायालय बाद संख्या 215/2001 समीउल्हा बनाम बेचेलाल आदि भी चिक खटीक को भी अनुसूचित जाति में स्वीकार किया गया था। जब हम लोग लोकवाणी से आवेदन करते है तो उनको निरस्त कर दिया जाता है। वही कुछ लोगो से सुविधा शुल्क लेकर जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे है।”

आखिर क्या खेल है जाति प्रमाण पत्र का, तहसीलो में उन लोगो के प्रमाण पत्र जल्द जारी कर दिए जाते है। जिन पर लेखपाल सुविधा शुल्क लेकर अपनी रिपोर्ट लगा देते है। जिन लोगो से उनको शुल्क नही मिलता है, उनका जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाया जाता है। खटीक जाति के प्रमाण पत्र न बनाने के पीछे भी यही राज निकलकर सामने आया है। कोई भी जाति के लोग हो यदि सुविधा शुल्क नही है तो प्रमाण पत्र नही। देखना यह होगा कि जिलाधिकारी से शिकायत करने का तहसील अमृतपुर कायमगंज में कितना असर पड़ता है।

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