लखनऊ विश्वविद्यालय में बिना परिचय पत्र प्रवेश नहीं मिल सकेगा। छात्र-छात्रओं को प्रवेश के लिए अनिवार्य रूप से परिचय पत्र साथ रखना होगा। वहीं माइग्रेशन व अन्य प्रमाणपत्रों की जरूरत के लिए विवि आने वाले विद्यार्थियों को संबंधित दस्तावेज दिखाने होंगे। यह निर्णय चार जुलाई को लविवि में कुलपति व शिक्षकों पर हमले को लेकर शनिवार को लविवि व जिला प्रशासन के बीच हुई बैठक में लिया गया।

लविवि के प्रॉक्टर प्रो. विनोद सिंह के अनुसार शनिवार शाम एडीएम ट्रांस गोमती की अध्यक्षता में लविवि के प्रॉक्टर ऑफिस में विवि की सुरक्षा को लेकर बैठक हुई। इसमें विवि परिसर में धरना-प्रदर्शन को भी पूरी तरह प्रतिबंध लगाने पर भी सहमति बनी। निर्णय हुआ कि विवि के तीन गेट ही खोले जाएंगे। बताया कि बिना पास के वाहन भी प्रतिबंधित रहेंगे। इसमें हॉस्टल्स का औचक निरीक्षण करने का भी निर्णय हुआ। विवि परिसर के आसपास लगे छात्र नेताओं के होर्डिग्स और बैनर-पोस्टर हटाए जाने समेत अन्य निर्णय भी लिए गए।

यह भी तय हुआ कि कोऑर्डिनेशन कमेटी के तौर पर हर माह विवि की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा को लेकर जिला प्रशासन व विवि प्रशासन के बीच बैठक होगी। इसमें विवि की ओर से डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो राज कुमार सिंह, डीन कॉलेज डेवलेपमेंट काउंसिल प्रो. आरआर यादव, चीफ प्रोवोस्ट प्रो. संगीता रानी, आइपीपीआर निदेशक प्रो. एनके पाण्डेय व जिला प्रशासन की ओर से एसीएम पश्चिम, एसपी टीजी हरेंद्र, सीओ महानगर संतोष, एसएचओ हसनगंज राजेश शामिल रहे।

चार दिन बाद लौटी कैंपस में रौनक

लविवि में चार दिन बाद रौनक लौटी। उपद्रव व बवाल के बाद से बंद चल रहा लविवि छात्र छात्रओं की मौजूदगी से गुलजार रहा। छात्र छात्रओं ने सिंगल विंडो काउंटर पर फीस जमा करने के साथ ही प्रवेश व अन्य समस्याओं के बावत पूछताछ की। छात्र-छात्रओं ने एकेडमिक ब्लॉक पहुंच कर अपने जरूरी कामकाज निपटाए। पत्रकारिता विभाग में भी छात्र-छात्रएं कक्षाओं के संचालन के संबंध में जानकारी हासिल करते दिखे। लविवि के साथ ही डिग्री कॉलेजों में भी शनिवार को रौनक रही। लविवि में हुए उपद्रव व बवाल की घटना के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) व डिग्री कॉलेज प्राचार्य परिषद की ओर से लखनऊ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन (लूटा) को समर्थन देते हुए डिग्री कॉलेजों को भी अनिश्चितकाल तक बंद किए जाने का एलान किया गया था।

एसएसपी के तबादले को लूटा व लुआक्टा ने बताई जीत

लविवि में कुलपति व शिक्षकों पर हुए हमले के मामले एसएसपी दीपक कुमार को हटाए जाने को लविवि टीचर्स एसोसिएशन (लूटा) व लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय संघ (लुआक्टा) ने संगठन की जीत बताई। लूटा महामंत्री दुर्गेश श्रीवास्तव ने व लुआक्टा अध्यक्ष डॉ. मनोज पाण्डेय ने बताया कि शिक्षकों के सम्मान की लड़ाई में यह जीत की कड़ी का हिस्सा है। शनिवार को लुआक्टा अध्यक्ष डॉ मनोज पाण्डेय ने बयान साझा करते हुए कहा कि एसएसपी दीपक कुमार ने मामले को गंभीरता से लिया होता तो इस तरह की घटना कभी न होती। शिक्षकों की सुरक्षा को लेकर बरती गई लापरवाही का ही नतीजा उन पर कार्रवाई के रूप में सामने आया। कहा शिक्षकों का एक मात्र मकसद छात्रहित है। किसी छात्र का भविष्य खराब न हो, इसे ध्यान में रखते हुए संगठन का संघर्ष जारी रहेगा।

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