सुप्रीम कोर्ट के यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले खाली करने के आदेश के बाद अब इसी हफ्ते 500 से अधिक लोगों पर गाज गिर सकती है। कोर्ट के आदेश को अमल में लाते हुए राज्य संपत्ति विभाग ने 500 से अधिक लोगों नोटिस जारी करने की तैयारी कर ली है। विभाग 500 से ज्यादा लोगों को सरकारी घर और बंगले का बकाया किराये का भुगतान करने और दो महिने के भीतर उसे खाली करने का नोटिस जारी करने जा रहा है।

आवंटन के लिए बने कई नियमः

  • उत्तर प्रदेश में सरकारी घर आवंटित करने का अधिकार राज्य संपत्ति विभाग के पास है।
  • विभाग के अधिकार में हजार से ज्यादा छोटे-बड़े घर और बंगले आते हैं।
  • अलग-अलग सरकारों ने विभिन्न लोगों को सरकारी घर आवंटित करने के लिए कई नए नियम बनाए और कई नियमों में बदलाव भी किए।
  • पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगला देने के नियम में 1997 में बदलाव लाया गया था।
  • राष्ट्रीय महत्व के व्यक्तियों के लिए ट्रस्ट बनाने के नियम को 2003 में मंजूरी दी गई।
  • वहीं, पत्रकारों को घर देने के लिए 2005 में नियमों में बदलाव किए गए।

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राज्य संपत्ति विभाग ने दिया सुप्रीम कोर्ट का हवालाः

  • इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि जिन नियमों के तहत इन लोगों को सरकारी घर दिए गए हैं, उन नियमों का कोई कानूनी आधार नहीं है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी स्थिति में इन नियमों को निरस्त माना जाएगा।
  • सर्वोच्च न्यायालय के कड़े रुख को देखते हुए राज्य संपत्ति विभाग ने अपना काम शुरू कर दिया है।
  • जिन लोगों को नोटिस भेजा जाएगा उसमें तमाम एनजीओ, गैर सरकारी लोग, संगठन, संस्था, ट्रस्ट और पत्रकार शामिल हैं।
  • सुप्रीम कोर्ट से आदेश आने के बाद विभाग उन लोगों की सूची बना रहा है, जिन्हें सरकार की तरफ से घर मुहैया करवाया गया है।
  • इस लिस्ट में 109 संस्थाएं, 21 संगठन, 3 ट्रस्ट, 125 गैर सरकारी लोग और 300 से ज्यादा पत्रकार शामिल हैं।

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बंगला बचाने की कवायद भी शुरूः

  • बहरहाल, कोर्ट के फैसले के बाद जहां एक ओर सरकार घर खाली कराने के लिए नोटिस तैयार करवा रही है।
  • वहीं पूर्व मुख्यमंत्रियों में बंगला बचाने के लिए भी माथापच्ची शुरू हो गई है।
  • रिव्यू पिटिशन दाखिल करने से लेकर और क्या उपाय हो सकते हैं इस पर सरकार कानूनी सलाह ले रही है।
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