उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पुलिस की लापरवाही एक बार फिर सामने आयी है। यहां नशे में टल्ली सिपाहियों को चकमा देकर एक कुख्यात कैदी ने बस रुकवाई और पुलिस कस्टडी से आराम से भाग निकला। इसका पता इन लापरवाह सिपाहियों को तब लगा जब करीब पांच किलोमीटर दूर पुलिस की आंख खुली। बंदी को गायब देखकर दोनों पुलिसकर्मियों के पैरों तले जमीन खिसक गई। वहीं बंदी भागने के घटनास्थल को लेकर मेरठ की दौराला और खतौली पुलिस घंटो सीमा विवाद में उलझी रही। साथ ही फरार बंदी का कोई सुराग नहीं लगा। इस मामले में तीन पुलिसकर्मी भी गैर हाजिर बताए हैं।
यह है पूरा घटनाक्रम
- मुजफ्फरनगर के पुरकाजी स्थित जाटान मोहल्ला निवासी मुत्तलीब पुत्र शराफत पर लूट, डकैती, अपहरण व हत्या के मुकदमे पंजीकृत हैं।
- फिलहाल वह बुलंदशहर जेल में बंद था। पीलीभीत के हेड कांस्टेबल नरेश सिंह, कांस्टेबल श्रीकांत सोम बुलंदशहर जेल से मुजफ्फरनगर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेशी के लिए ले गए थे।
- पेशी के बाद मुजफ्फरनगर सुजडू चुंगी से दोनों पुलिसकर्मी बंदी के साथ अंबाला डिपो की प्राइवेट बस में बैठ गए।
- रास्ते में एक ढाबे पर बस रुकी जहां पर बंदी और पुलिसकर्मियों ने खाना भी खाया।
- आरोप है कि इसी दौरान बंदी ने सिपाहियों को खाने में नशीला पदार्थ दे दिया।
- इसके बाद दोनों सिपाही बस चलते ही सो गए।
- इसी का फायदा उठाकर बंदी ने परिचालक से कहकर बस रुकवाई और दादरी-भंगेला के पास से फरार हो गया।
- दोनों पुलिस कर्मी सोते रहे जब वह टोल प्लाजा के समीप बस पहुंची तो उनकी आंख खुली तो पुलिसकर्मियों ने जब बस से बदमाश को गायब देखा तो उनके होश उड़ गए।
हरकत में आयी पुलिस ने कराई चेकिंग
- जब सिपाहियों ने कैदी के भागने की सूचना दौराला पुलिस को दी।
- इसके बाद पुलिसकर्मी मोदीपुरम चौकी पर पहुंच गए।
- वायरलेस सेट पर सूचना प्रसारित की गई।
- दौराला व पल्लवपुरम इंस्पेक्टरों ने बंदी की आस-पास के जंगलों में तलाश कर वाहनों को भी रोककर चेकिंग चलाई, लेकिन बदमाश का कोई पता नहीं चल सका।
- इसके बाद दौराला पुलिस दोनों पुलिसकर्मियों को मोदीपुरम चेक पोस्ट पर ले आई।
- जिसके बाद इंस्पेक्टर दौराला यशवीर सिंह और इंस्पेक्टर पल्लवपुरम सतेंद्र प्रकाश सिंह ने पुलिसकर्मियों से जानकारी ली।
नहीं लगी थी हथकड़ी
- इस कैदी के भागने में अहम बात यह सामने आ रही है कि बंदी को पुलिसवाले दोस्तों की तरह बिना हथकड़ी के पेशी पर ले गए थे।
- इसी का फायदा उठाकर वह आराम से फरार हो गया।
- अब देखना ये होगा के पुलिस शातिर अपराधी को कब तक पकड़ पाती है या नहीं।
- बता दें इससे पहले भी मेरठ की अभिरक्षा से कई कैदी बड़ी आसानी फरार हो चुके हैं।
- लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी इनका कोई सुराग नहीं लगा।
- पुलिस अधिकारी इस मामले में बोलने को तैयार नहीं हैं।