भ्रष्टाचार एक ऐसा घुन है जो आजकल बख्शी का तालाब विकासखंड में लग गया है। सरकारें आती हैं और चली जाती हैं। कोई भी ऐसी योजना नहीं जिसमें कहीं विकास के नाम पर तो कहीं योजना के नाम पर भ्रष्टाचारी अपना तांडव दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। प्रधानमंत्री की सबसे कारगर योजना स्वच्छ भारत अभियान योगी सरकार के ही अधिकारी योजनाओं पर पलीता लगा रहे हैं। ओडीएफ मिशन में ईमानदारी से तफ्तीश की जाए तो सबसे बड़ी बीकेटी ब्लॉक फिसड्डी नजर आएगी। कहीं शौचालय के नाम पर तो योजना के नाम पर खेल यहां अधिकारियों ने खेल किया है। ओडीएफ को अधिकारियों ने मजाक बनाकर रख दिया है। झोपड़पट्टी वालों को शौचालय जरूरी नहीं समझा तो कहीं पर वोट ना देने की वजह से प्रधानों ने अनदेखी कर दी। स्वच्छता मिशन को रफ्तार देने के लिए बख्शी का तालाब विकासखण्ड के 103 ग्राम पंचायतों सहित राजधानी के सभी 570 गांवों को खुले में शौचमुक्त करने की प्रदेश सरकार की तमाम कोशिशों को ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिव ही विफल करने में लगे हैं। पेश है रियलिटी चेक की एक रिपोर्ट…

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के सपने को चकनाचूर कर रहे भ्रष्टाचारी[/penci_blockquote]
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश को खुले में शौचमुक्त बनाने का सपना देखा। पीएम ने इस सपने को साकार करने के लिए पूरे देश में अफसरों को इज्जत घर बनवाने के निर्देश दिए। लेकिन अधिकारियों ने ग्राम प्रधानों के साथ मिलकर बड़ा घोटाला कर डाला। उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचारी अधिकारियों की मिलीभगत से सिर्फ नाम का ही इज्जत घर बनवाकर तैयार किया जा रहा है। तस्वीरों में इज्जत घर की बानगी आप खुद देख सकते हैं कि कैसे ग्राम प्रधान और सरकारी अफसर प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान में पलीता लगा रहे हैं। ताजा मामला ग्राम पंचायत मानपुर लाला, ग्राम पंचायत गोयला, ग्राम पंचायत रसूलपुर सादात का है।

यहां भ्रष्टाचारी सचिव और ग्राम प्रधान के खेल के चलते गांव ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। लाभार्थियों ने आरोप लगाया है कि खाते में पैसा तो आता है, उसके बाद खाते से पैसा निकलवा कर प्रधान व उनके समर्थक ले लेते हैं और ठेकेदारी प्रथा से हमारे घर पर शौचालय बना कर चले गए। जो कभी चले ही नहीं। शौचालय शौच करने योग्य नहीं हैं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]नल, नाली, इंटर लॉकिंग खड़ंजा में जमकर फर्जीवाड़ा होने का आरोप [/penci_blockquote]
ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान ने अपने समर्थकों को शौचालय दिया। जिन लोगों ने प्रधान को वोट नहीं दिया था उनको अभी तक शौचालय नहीं दिया गया।दर्जनों की संख्या में महिलाओं ने आरोप लगाते हुए कहा गांव में गंदगी का अंबार है। किसी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है। रास्ते से निकलना दूभर है। जब से प्रधान बने हैं तब से किसी भी प्रकार का विकास कार्य नहीं हो सका है। महिला मायावती ने बताया कि गांव में नल, नाली, इंटर लॉकिंग खड़ंजा में फर्जीवाड़ा हुआ है। इसके चलते गांव की दशा ख़राब हो रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि गांव में होने वाले कामों को कागजों में दिखाकर भ्रष्टाचारियों ने रकम निकालकर डकार ली। ग्राम पंचायत मानपुर लाला, ग्राम पंचायत गोयला, ग्राम पंचायत रसूलपुर सादात में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। ते तीनों ग्राम पंचायतें स्वच्छ भारत अभियान के तहत ओडीएफ घोषित हैं लेकिन ग्रामीण खुले में शौच जाने को मजबूर है। इन ग्रामपंचायतों को पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त किया जाना था, लेकिन शौचालयों के लिए मिली धनराशि के बंदरबांट से नतीजा ढाक के तीन पात वाला रहा। सूत्रों का कहना है कि पुलिस के आला अफसरों ने उसे क्षमादान दे रखा है। घोटाले की रकम की बंदरबांट में पुलिस के कुछ अधिकारियों को भी उपकृत किया गया है।

इनपुट – ज्ञानेंद्र

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