Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

गुंडे चला रहे हैं ओला कैब, वाराणसी प्रशासन बना मूकदर्शक

वाराणसी यानी उत्तरप्रदेश समेत भारत का मुख्य पर्यटन स्थल, जहाँ लाखों की संख्या में दूर दराज़ से लोग घूमने आते हैं।

 

इस यात्रा के दौरान अमूमन यात्री ओला कैब की गाड़ियों में घूमते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि ओला कैब के ड्राईवर की शक्ल में गुंडे और अपराधी वाराणसी की सड़कों पर घूम रहे हैं? जी! आपने सही सुना।

 

मामला कुछ यूँ है कि 12 दिसम्बर की रात में वाराणसी के पत्रकार अनुराग तिवारी के वृद्ध पिता, माता और पत्नी शहर के ही एक धार्मिक स्थल पर गए हुए थे। वहाँ से वापस आने के लिए उन्होंने ओला कैब बुक की। उसके बाद क्या हुआ, उन्हीं से सुनिए:

 

”यह शिकायत आपके ओला कैब ड्राईवर सौरभ के संबंध में है. कल दिनांक 12 दिसम्बर 2018 को वाराणसी के जगतगंज इलाके में स्थित धूपचंडी देवी के मंदिर में परिवार का के धार्मिक कार्यक्रम था. जिसके बाद मेरे माता-पिता और मेरी पत्नी को वापस हमारे चौबेपुर स्थित पैतृक निवास पर वापस जाना था. मेरे पिता रिटायर्ड जज श्री एके तिवारी, रिटायरमेंट के बाद ज्यादातर समय लखनऊ में रहते हैं. वे इन दिनों पारिवारिक कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए मेरी माता जी के साथ वाराणसी आए हुए हैं.

 

कोई साधन उपलब्ध न होने के चलते ओला कैब बुक कराई गई. चूंकि ओला एप वाराणसी शहर से वाराणसी के ही किसी ग्रामीण इलाके में कैब बुकिंग की सुविधा नहीं देता है, इसलिए आउटस्टेशन बुकिंग की बजाय रेंटल बुकिंग करनी पड़ी.

 

चौबेपुर की कुल दूरी 20 किलोमीटर की है और रेंटल बुकिंग दो घंटे 30 की कराई गयी. जिसका कुल किराया रु 450/- देय हुआ. बुकिंग सौरभ नाम के ड्राईवर ने एक्सेप्ट की जिसकी माइक्रो रेंटल कार का रजिस्ट्रेशन नंबर UP65 FT 4772 और मोबाइल नंबर 7985054007 है. पहले तो सौरभ ने कॉल करके आने में असमर्थता जताई और बुकिंग कैंसिल करने को कहा, लेकिन जब उससे कहा गया कि तुम मन कर रहे हो तो बुकिंग तुम कैंसिल करो, नाहक ही कैंसलेशन चार्ज हम ग्राहक क्यों व्यय करें. इस पर उसने सिटी स्टेशन होने की बात कही और पहुंचने में देरी होने की बात कही, जबकि ओला मैप में उसकी लोकेशन उस समय पिपलानी कटरा की तरफ बता रहा था. यह ओला कैब मेरे पिता जी के मोबाइल नंबर से बुक कराई गई थी. इसे ओला कैब कंपनी के रिकॉर्ड में चेक किया जा सकता है.

 

इसके बाद सौरभ ने मेरे बुजुर्ग माता पिता और पत्नी को धुपचंडी देवी मंदिर के सामने से पिक किया. शहर के बाहर संदहा के पास उसने यह कहकर गाड़ी रोक दी कि वह सिटी लिमिट के बाहर आ गया है और इसके बाहर नहीं जाएगा. अन्धेरा होता देख और साथ में दो महिलाओं के होने के चलते मेरे पिता जी सुरक्षा को लेकर चिंतित थे. जब उन्होंने उससे आगे चलने की गुजारिश की तो उसने उसी जगह पर राइड कैंसिल कर दी और कहा कि इसके अलावा उन्हें 500 रूपये देने होंगे. राइड कैंसिल करने पर टोटल रूपये 368/- का बिल आया. जिसे उसने आगे न जाने की बात कहते हुए भुगतान करने को कहा और चौबेपुर तक छोड़ने के लिए 500 रूपये और मांगे. अँधेरे में हाईवे पर दो महिला सह यात्रियों के साथ असहाय स्थिति में होने के चलते मेरे बुजुर्ग पिता ने उसे उसी समय Rs. 868/- का पेमेंट किया ताकि वे वहां से किसी तरह सुरक्षित चौबेपुर स्थित अपने घर पहुँच सकें.

 

इस पूरी घटना की जानकारी मेरे द्वारा ओला के ट्विटर हैंडल पर दी गई लेकिन वहां से कोई उचित रिस्पांस नहीं मिला.

 

वाराणसी एक अंतर्राष्ट्रीय ख्याति का पर्यटन स्थल है, और कैब ड्राइवर्स द्वारा इस तरह न केवल यात्रियों के लिए खतरनाक है बल्कि काशी की प्रतिष्ठा को भी धक्का पहुंचाने वाली है. यह ओला जैसी अंतर्राष्ट्रीय ख्याति की कंपनी की गरिमा के अनुरूप भी नहीं है. आपसे निवेदन है कि उक्त ओला ड्राईवर द्वारा अवैध रूप से वसूले गए पैसे वापस दिलाते हुए उसके खिलाफ अपने स्तर से विधानिक कार्रवाई सुनिश्चित करें, ताकि भविष्य में किसी अन्य यात्री के साथ ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति न उत्पन्न हो.”

 

ओला कैब ड्राईवर द्वारा बीच हाइवे पर रोक दी गयी राइड

 

ओला में बिना इन्शुरन्स की कैब

जानकारी एकत्रित करने पर पता चला कि उक्त वाहन का इन्शुरन्स दो महीने पहले ही समाप्त हो चुका है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाक़ई ओला में कैब और ड्राईवर का सत्यापन कराया जाता है?

 

दो माह पूर्व ही समाप्त हो चुका है इन्शुरन्स

शिकायत के बाद भी वाराणसी पुलिस और ट्रैफ़िक पुलिस बनी मुक़दर्शक

हद तो तब हो गयी जब शिकायत के बाद भी वाराणसी पुलिस और ट्रैफ़िक पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी।

Related posts

जेल में अपने करीबी से मिलने पहुंचे शिवपाल यादव

Shashank
7 years ago

नियुक्ति मांग को लेकर अभ्यर्थियों का किया गया प्रदर्शन

UP ORG Desk
6 years ago

गठबंधन हो रहा था कांग्रेस से मुझे पसंद नही-मुलायम

Mohammad Zahid
7 years ago
Exit mobile version