राजधानी लखनऊ के विकास नगर इलाके में एक वृद्ध ने फांसी के फंदे पर झूलकर जीवन लीला समाप्त कर ली। घटना की जानकारी 100 नंबर पर हुई तो मौके पर पुलिस पहुंची और शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के बाद पुलिस ने अग्रिम कार्रवाई शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि मृतक बीमारी के चलते डिप्रेशन में था और उसके ऊपर काफी कर्जा भी था जिसके चलते उसने मौत को गले लगा लिया।

थाना प्रभारी विकासनगर के अनुसार, एमएमआईजी 68 सेक्टर-सी निवासी 49 वर्षीय रामानुजम पहले सेल्स मार्केटिंग का काम करते थे और फिलहाल वह बेरोजगार थे। बुधवार सुबह वह काफी देर तक अपने कमरे से बाहर नहीं आये तो उनका लड़का येपिराज उन्हें बुलाने के लिए कमरे में गया। काफी दस्तक के बाद भी दरवाजा नहीं खुला तो उसने खिड़की से झांककर देखा तो रामानुजम नायलॉन की रस्सी के सहारे से पंखे से लटके हुए थे।

किसी तरह दरवाजा खोलकर येपि ने पुलिस को सूचना दी और रामानुजम को ट्रामा पहुंचाया जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटनास्थल से पुलिस को चार पेज का एक सुसाइड नोट भी मिला है। थाना प्रभारी का कहना है कि रामानुजम पिछले कई वर्षों से अपनी पीठ की बीमारी से परेशान थे और इस वजह से उन पर कर्ज भी काफी था। इसी की डिप्रेशन के चलते उन्होंने आत्महत्या कर ली।

तुमने नहीं निभाया बहू का फर्ज

रामानुजम ने अपने पीछे छोड़ गए सुसाइड नोट में परिवार के हर सदस्य के लिए कुछ न कुछ लिखा है। अपनी मां के लिए रामानुजम ने लिखा है कि आप बहुत स्ट्रांग हो और इस दुख को सह लोगी, साथ ही सभी को संभालने की कोशिश भी करोगी। इसी तरह बेटे के लिए भी लिखा है कि वह बाहर रहकर अपने सपने पूरे करे और उनके न रहते हुए भी आशीर्वाद साथ रहेगा। इसके बाद रामानुजम ने अपनी छोटी बेटी का जिक्र करते हुए बेटे के लिए लिखा है कि जब बेटी का ग्रेजुएशन पूरा हो जाये तो कोशिश करे कि उसकी नौकरी लग जाये।

वहीं इन तमाम बातों को लिखते हुए रामानुजम ने अपनी पत्नी के लिए कुछ ऐसी बाते लिखी है जिन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि रामानुजम अपनी पत्नी को लेकर भी काफी डिप्रेश थे। रामानुजम ने लिखा है कि बीमारी का क्या है आती जाती रहती है। तुम्हारे अंदर सबसे बड़ी कमी है कि तुम घमंडी हो। तुम कभी अच्छी बहू नहीं बन पाई। बहन बुरी नहीं है पर तुमने समझने की कोशिश नहीं की। पिता जी बहुत सॉफ्ट है। मेरी बीमारी में तुम्हारा इतना पैसा लग गया वो कर्जा लेकर जा रहा हूँ, अगर न रहा तो सोच लेना कि पैसा बह गया और अगर सरवाइव कर गया तो पक्का वापस करूंगा। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें