सूबे में चल रहे बीजेपी और भासपा गठबंधन वाली योगी सरकार में जनसभाओं में पार्टी के झंडे को लेकर दोनों दलों के बीच दरार खिंच गई है. भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने अपने जनसभा में बीजेपी का बैनर और पोस्टर को लगाने से किया इंकार और कहा बीजेपी अपनी जनसभा में नहीं लगाती भासपा का बैनर और पोस्टर तो मैं क्यों लगाऊं बीजेपी का बैनर और पोस्टर.

शिक्षा विभाग में 500 करोड़ का घोटाला किया उजागर

राजभर ने कहा की मैं कोई बीजेपी का दरी बिछाने वाला कार्यकर्ता नहीं भासपा का अध्यक्ष पहले हूँ और इसके बाद बीजेपी सरकार का मंत्री हूँ. 2019 का चुनाव बीजेपी के साथ लड़ूंगा क्योंकि अभी कोई विकल्प नहीं है. वहीँ मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने भरे मंच से शिक्षा विभाग में 500 करोड़ के घोटाले का खुलासा कर सभी को हैरान कर दिया.

मुठभेड़ को लेकर भी मंत्री ने खड़े किये थे सवाल

ओम प्रकाश राजभर लगातार सरकार पर निशाना साधते नजर आये हैं. अभी हाल ही में उन्होंने मुठभेड़ को लेकर भी सवाल खड़े किये थे. 26 जनवरी को पवली थाना क्षेत्र में पुलिस ने मुकेश राजभर का एनकाउंटर किया था जो कि मुतकल्लीपुर का रहने वाला युवक था. मुकेश के पिता दूधनाथ राजभर ने कैबिनेट मंत्री से गुहार लगाई और कहा कि ये मुठभेड़ फर्जी थी. ओम प्रकाश राजभर ने इस मुठभेड़ को लेकर सीएम योगी को पत्र लिखा और मांग करते हुए कहा कि इसकी सीबीआई जाँच की जाये. मुकेश के पिता के अनुसार, पुलिस ने चोरी जैसे अपराध के लिए एनकाउंटर कर दिया. पुलिस ने 50 हजार का इनामी बताते हुए कानपुर से उठाया और मुकेश का एनकाउंटर कर दिया.

पहले भी इस मंत्री ने सरकार को डाला है मुसीबत में

बता दें कि ओम प्रकाश राजभर आये दिन अपनी ही सरकार को मुसीबत में डालते रहे हैं, इसके पहले भी उन्होंने अभिभावकों को लेकर विवादित दिया था. इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा था कि योगी सरकार में भ्रष्टाचार बढ़ा है. उन्होंने कहा था कि जिन थानों में पहले 500 रु जाता था, अब वहां 5000 रु जाता है. ओम प्रकाश राजभर का कुछ महीनों पहले गाजीपुर डीएम के साथ विवाद इतना बढ़ गया था कि सीएम योगी को दखल देना पड़ा था, तब जाकर मामला किसी प्रकार शांत हो सका था. लेकिन जिस प्रकार मुठभेड़ को लेकर कैबिनेट मंत्री ने सवाल उठाये हैं, देखना है सरकार का क्या रुख होता है.

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