मुख्य सचिव राजीव कुमार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के आदेश पर आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को कल (25 जनवरी 2018) को प्रातः 10.30 बजे अपने कार्यालय में व्यक्तिगत सुनवाई के लिए बुलाया है।

अमिताभ ने पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन तथा पूर्व प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पांडा पर आरोप लगाया था कि उन्होंने राजनैतिक दवाब में अमिताभ के निलंबन संबंधी मामले में अनेक फर्जी अभिलेख तैयार कराये जिनके आधार पर उनका निलंबन दो बार विधिविरुद्ध तरीके से बढ़ाया गया।

उनके द्वारा बार-बार शिकायत किये जाने पर भी इसकी जाँच नहीं होने पर उन्होंने याचिका दायर किया था जिसपर कोर्ट ने मुख्य सचिव को गुण-दोष के आधार पर कार्यवाही करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं होने पर अमिताभ ने अवमानना याचिका दायर किया था, जिसमे कोर्ट ने मुख्य सचिव को नोटिस दिया था, जिसके बाद राजीव कुमार ने उन्हें इस मामले में व्यक्तिगत सुनवाई के लिए बुलाया है।

ये भी खास- डॉ. नूतन ठाकुर ने भेजी थी सूची

सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने पिछले साल यूपी के सीईओ टी. वेंकटेश के जरिए निर्वाचन आयोग को मुख्य सचिव और डीजीपी सहित कई आईएएस और आईपीएस अफसरों की सूची भेजी थी। उन्होंने आरोप लगाया है कि जिम्मेदार पदों पर बैठे ये अफसर सीधे-सीधे समाजवादी पार्टी के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं, जिनके रहते चुनाव निष्पक्ष नहीं हो सकता। ठाकुर ने इन अफसरों को हटाने की मांग की है।

डॉ. नूतन की सूची में राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष नवीन कुमार वाजपेयी, पूर्व मुख्य सचिव और सीएम के मुख्य सलाहकार आलोक रंजन, मुख्य सचिव राहुल भटनागर, प्रमुख सचिव नियुक्ति किशन सिंह अटोरिया, प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पांडा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री अनीता सिंह, प्रमुख सचिव वन संजीव शरण, प्रमुख सचिव ऊर्जा और अध्यक्ष ग्रेटर नोएडा संजय अग्रवाल, प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव शिक्षा जितेंद्र कुमार, गृह सचिव एसके रघुवंशी, गृह सचिव मणि प्रसाद मिश्रा, आवास विकास सचिव श्रीप्रकाश सिंह (रिटायर्ड), सहारनपुर के मंडलायुक्त महेंद्र प्रसाद अग्रवाल, आगरा के मंडलायुक्त चंद्रकांत, बाराबंकी के डीएम अजय यादव और लखनऊ के डीएम सत्येंद्र सिंह शामिल हैं।

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