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योगी सरकार ने की ‘एक साल कई मिसाल’ कायम

One year of Yogi government make many exemplification

One year of Yogi government make many exemplification

योगी सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल आज पूरा होने जा रहा है। योगी सरकार ने एक साल के कार्यकाल में कई मिसाल कायम किया है। जिसके उपलक्ष्य में ‘एक साल नई मिसाल’ कार्यक्रम का आयोजन लोकभवन में किया गया है। जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। वहीं इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक होंगे। इस दौरान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद, उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा, विधान सभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व चंदौली सांसद डा. महेन्द्र नाथ पाण्डेय मौजूद रहेंगे।

उत्तर प्रदेश में भाजपा ने बिना मुख्यमंत्री के चेहरे के चुनाव लड़ा था। जिसके बाद प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रचंड जीत दर्ज की थी। भाजपा के इस जीत के बाद कई नामों पर अटकलें लगना शुरू हो गया कि किसे मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, जिसमें से एक नाम मनोज सिन्हा का भी आया था। बाद में भाजपा ने योगी आदित्यनाथ को यूपी की कमान सौपीं। योगी के सत्ता में आते ही संकल्प पत्र में किए गए घोषणा के अनुसार कार्य करना शुरू किया। जिसमें से एक एन्टी रोमियो स्क्वायड का गठन भी था।

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एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन

बता दें कि योगी सरकार को 19 मार्च को एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है। एक वर्ष पूर्व सत्ता में आने के समय संकल्प पत्र में महिलाओं के सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एंटी रोमियो स्क्वायड का गठन किया गया। जिसके बाद पुलिस ने प्रदेश भर में अभियान चलाना शुरू किया। जहां भी कपल दिखता था पुलिस पकड़ लेती थी और पूछताछ शुरू कर दी। गहन पूछताछ के बाद दोनों को पकड़ लिया जाता था तो वहीं इससे शादीशुदा जोड़े भी अछूते नहीं रहें। इस दौरान पुलिस ने विभिन्न पार्कों में भी अभियान चलाया। पुलिस ने इस मामले को इतना ज्यादा संजीदगी से ले लिया की मुख्यमंत्री को कहना पड़ा की महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वाले शोहदों के ऊपर कार्रवाई करें।

एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन

भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में एंटी भू-माफिया टास्क फोर्स की गठन की बात की थी। सत्ता में आने के बाद ही इस टास्क फोर्स का गठन कर दिया गया। जिसके बाद अवैध रूप से जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सरकारी व गैर सरकारी जमीनों को छुड़वाया गया। तो वहीं कब्जाधारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए उन पर लगाम लगाया गया। प्रदेश में 1531 भू-माफियाओं को चिह्नित कर उनके विरुद्ध विभिन्न धाराओं में 2596 मुकदमे दर्ज किए गए। इन मुकदमों में 1922 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई जबकि 460 अदालत में हाजिर हो गए। इसी तरह छह की कुर्की करते हुए 7.45 करोड़ रुपये की अवैध सम्पत्ति जब्त की गई। लेकिन कुछ विपक्षियों का कहना है कि कुल मिलकर अगर देखा जाये तो वर्तमान सरकार ने पिछली सपा सरकार के प्रोजेक्टों की जांच कराने में समय निकाल दिया। इस सरकार में नया कुछ भी ज्यादा नहीं हुआ।

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अपराधियों पर नकेल एवं पुलिस व्यवस्था में सुधार

योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद पुलिस व्यवस्था में काफी गुणात्मक सुधार देखने को मिला। वहीं इनामी अपराधियों की धरपकड़ में 1300 से भी अधिक अपराधियों का एन्काउंटर किया गया जिसमें 3 दर्जन से भी ज्यादा अपराधी मारे गए हैं। पुलिस द्वारा लगातार किए जा रहे एन्काउंटर से अपराधियों में दहशत व्याप्त हो गया है। बदमाशों के लगातार एन्काउण्टर सरकार की मंशा को जाहिर कर रहे हैं कि सरकार प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम करना चाहती है। वर्तमान प्रदेश सरकार के एक साल के कार्यकाल में पुलिस व अपराधियों के बीच मुठभेड़ की 1300 घटनाएं हुईं, जिसमें 44 अपराधी मारे गए, 330 अपराधी घायल हुए और 3067 अपराधी गिरफ्तार किए गए। पुलिस ने अपने इस अभियान में अपराधियों की लगभग 150 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त भी की। इस एक साल में 44 अपराधियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने का प्रभाव ही माना जा रहा है कि अब तक लगभग साढ़े पांच हजार अपराधी कोर्ट में सरेंडर कर चुके हैं।

बुंदेलखण्ड का रखा ख्याल

सरकार ने बुंदेलखण्ड का ख्याल रखते हुए अपने दूसरे बजट में सरकार ने 650 करोड़ बुंदेलखंड पेष किया। बता दें कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी को बड़ी सफलता दिलाई थी। अपनी इस सफलता को दिलाने वाले बुंदेलखंड पर योगी सरकार मेहरबान दिखी। बुंदेलखंड का विकास करने के लिए प्रदेश सरकार ने 650 करोड़ की व्यवस्था की। बता दें कि बुंदेलखण्ड प्रदेश के सबसे ज्यादा सूखा प्रभावित क्षेत्र है। इसी सूखे को दूर करने के उद्देष्य से बुंदेलखंड में प्रदेश सरकार 5 हजार तालाब खुदवाने की घोषणा की है, जिससे कि पानी का संकट दूर हो सके। इसके अलावा सरकार ने 131 करोड़ रुपये सोलर पंप के लिये भी दिए हैं।

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किसानों का किया ऋण माफ

सरकार ने 36 हजार करोड रुपए के प्रावधान से 86 लाख लघु एवं सीमांत किसानों का फसल ऋण मोचन किया। गन्ना किसानों को 27000 करोड़ रुपए का गन्ना बकाया मूल्य का भुगतान किया। किसानों ने 37 लाख मीट्रिक टन गेहूं की रिकॉर्ड खरीद, जो पिछले वर्ष से 4.5 गुना ज्यादा है। किसानों से 42.54 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद, 12620 करोड़ का भुगतान भी किया गया। राज्य सरकार ने किसानों के लिए अपना खजाना खोल दिया है। सरकार ने 100 करोड़ उवर्रक के अग्रिम भंडारण के लिए एवं किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने के लिए सब्सिडी योजना के तहत 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। साथ ही सरयू नहर परियोजना के लिए एक हजार 614 करोड़ रुपये दिया गया है।

निवेश के महाकुंभ इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन

बता दें कि यूपी में निवेश के महाकुंभ का आयोजन किया गया है, जो दो दिनों तक चला। इस दौरान देश व विदेश से बड़े-बड़े उद्योगपति अंबानी, बिड़ला जैसे उद्योगपति भी शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करकमलों द्वारा किया गया था, तो वहीं कार्यक्रम का समापन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजनाथ सिंह आदि लोगों ने समिट को संबोधित कर आए हुए मेहमानों का स्वागत किया था। लगभग 4.70 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव इन्वेस्टर्स समिट के दौरान मिला।

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विकास पर जोर

प्रदेश में मेट्रो परियोजनाओं को गति देने के लिए बजट में 500 करोड़ प्रावधान किया है। इसके अलावा सड़क बनाने के लिए 11 हजार 343 करोड़, पुल के लिए 1,817 करोड़ जारी किए गए हैं। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे के लिये 550 करोड़। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिये 1000 करोड़। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के बचे हुए काम को पूरा करने के लिए 500 करोड़ दिए गए हैं।

मदरसे समेत शिक्षा व्यवस्था को सुधारने पर बल

प्रदेश की बदहाल शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए इस वर्ष योगी सरकार करोड़ों रुपये खर्च करने जा रही है। बजट में कक्षा 1 से लेकर 8वीं तक की शिक्षा मुफ्त करने, मुफ्त किताबों के लिए 76 करोड़ रुपये, माध्यमिक शिक्षा कल्याण के लिए 480 करोड़ रुपये, उच्चतर शिक्षा अभियान के लिए 176 करोड़ रुपये, कक्षा 1 से लेकर 8 तक के बच्चों के यूनिफॉर्म के लिए 40 करोड़ रुपये और मिड डे मील के लिए 2 हजार 48 करोड़ रुपये बजट में आवंटित किए गए हैं। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि मदरसों के आधुनिकीकरण पर सरकार 440 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

प्रदेश के 10 जिले बनेंगे स्मार्ट

राज्य सरकार ने केंद्र की मोदी सरकारी महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी योजना को तेजी देने का फैसला किया है। इसके तहत लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, इलाहाबाद, अलीगढ़, झाँसी, मुरादाबाद, बरेली तथा सहारनपुर के लिए स्मार्ट सिटी मिशन योजना के अन्तर्गत 1 हजार 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।

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युवाओं के लिए रोजगार पर फोकस

यूपी के बजट 2018-19 में युवाओं के लिए स्वरोजगार और प्रदेश में उद्योगों के लिए माहौल बनाने पर विशेष बल दिया गया है। इसके तहत 250 करोड़ के स्टार्टअप फण्ड, दीन दयाल ग्रामोद्योग योजना के लिए 10 करोड़, खादी मार्केटिंग के लिए 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा यूपी हैण्डलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल्स ऐंड गारमेंट नीति -2017 हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

प्रदेश में बढ़ेंगी स्वास्थ्य सुविधाएं

बजट में प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के लिये 291 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस वर्ष 100 नये आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। पीपीपी मोड पर 170 नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन किये जाने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के फेज-3 के अन्तर्गत 4 मेडिकल कालेजों झांसी, गोरखपुर, इलाहाबाद तथा मेरठ में उच्चीकृत विभाग बनाये जा रहे हैं तथा 2 मेडिकल कॉलेजों कानपुर एवं आगरा में ऐसे विभाग बनाने के लिए कुल 126 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

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