उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बिजली विभाग को निजी हाथों में दिए जाने के पर बिजली विभाग के कई संगठनों ने विरोध जताया है तो वहीं आज सदन में विपक्ष के नेताओं ने भी निजीकरण का जमकर विरोध किया है। कांग्रेस के विधानमण्डल दल के नेता जय कुमार लल्लू ने बिजली के निजीकरण का मामला उठाया है तथा भाजपा सरकार की उद्यमियों से साठगांठ की बातें कह रहे हैं। सदन में बोलते हुए कहा कि बिजली के निजीकरण की घोषणा चौकाने वाला कदम है। भाजपा उद्यमियों की साठ गांठ कर विद्युत व्यवस्था को खराब कर रही है। यह सिर्फ कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।

पूंजीपतियों से है भाजपा की साठ-गांठ

बिजली के निजीकरण पर राम गोविंद चौधरी ने भाजपा पर जमकर प्रहार किया। कहा कि हर सरकारी विभाग को निजी हाथों में दे रही है। पहले रेलवे को निजी हाथों में दे दिया। अब बिजली को निजी हाथों में देने का मन बना चुकी है। पूंजीपतियों से भाजपा की सांठगांठ है।

बेहतर विद्युत व्यवस्था के लिए किया जा रहा है निजीकरण

5 शहरों के निजीकरण पर ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि बेहतर विद्युत व्यवस्था के लिए प्रयोग के तौर पर निजी हाथों में बिजली व्यवस्था दी जा रही है। राजस्व वसूली और लाइन लॉस को कम करेंगे। निजी कंपनी राजस्व वसूली करेगी। उत्पादन और ट्रांसमिशन का निजीकरण नहीं हो रहा है। सरकारी भवनों पर बकाया बिल 1 साल में पूरा जमा होगा। सभी सरकारी भवनों में प्रीपेड मीटर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। सपा-बसपा गठबंधन पर मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि योगी, मोदी की लोकप्रियता से सभी घबरा गए हैं। इस दौरान सपा बसपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मायावती को साइकिल मुबारक, अखिलेश को हाथी मुबारक।

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