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कासगंज हिंसा की न्यायिक जाँच की मांग को लेकर सदन में विपक्ष का हंगामा

kasganj violence

उत्तर प्रदेश की विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया है. यूपी विधानसभा के सत्र में भाग लेने के लिए सभी दलों के विधायक सदन में पहुँचे लेकिन सपा और बसपा ने सदन में जमकर हंगामा किया. कल समाजवादी पार्टी ने सरकार के कार्यों का विरोध करते हुए राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान गुब्बारे उड़ाते हुए तख्तियां भी दिखाई. सदन के बाहर समाजवादी पार्टी के कई नेता आज सदन में आलू किसानों के विरोध के समर्थन में आलू की बनी माला पहने चले आये. विपक्ष के विधायकों ने भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की. आज दूसरे दिन भी सदन में हंगामा हुआ.

गौसंरक्षण का मुद्दा कांग्रेस ने उठाया

कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने विधान परिषद में सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि किसानों की फसल आवारा पशुओं के द्वारा नुक्सान पहुँचाने से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है. सरकार के गौवंश संरक्षण के लिए जेल में जगह निर्धारित करना दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि गाँवों से 70 से 80 किमी दूर जेलों में व्यवस्था से परेशानी का हल नहीं होगा.

राशन कार्ड मामले पर सरकार को घेरा

विधानसभा प्रश्नकाल में सपा,बसपा और कांग्रेस ने सरकार को राशन कार्ड मामले पर घेरा. विपक्षी दलों ने कहा कि अपात्रों का चयन  हुआ है जबकि संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि 6 महीने के भीतर मामलों पर होगी कार्रवाई. उन्होंने कहा कि 30 लाख अपात्रों के कार्ड निरस्त हो चुके हैं.

कांसगंज हिंसा मामले में विधान सभा में सपा का हंगामा

जबकि कासगंज हिंसा के मुद्दे पर सरकार के जवाब से नाखुश सपा सदस्य वेल में पहुंचे और धरने पर बैठ गए. इसके बाद विधान सभा की कार्यवाई 10 मिनट के लिए स्थगित की गई. कासगंज मामले पर बसपा नेता लालजी वर्मा का बयान आया.  उन्होंने कहा कि सरकार की मानसिकता दिखती है. सरकार की मानसिकता दूषित थी. पूरे प्रदेश में दंगा कराने की नियात से 26 जनवरी की घटना हुई.

हाईकोर्ट के जज से मामले की जांच कराई जाए

लालजी वर्मा ने कहा कि जो संपत्ति जलाई गईं उसका मुआवज़ा दिया जाए. सरकार बनने के बाद यूपी में 195 साम्प्रदायिक घटनाएं हुईं. उन्होंने कहा कि इस हिंसा की जाँच हाई कोर्ट के जज द्वारा कराई जाये. कासगंज मुद्दे को लेकर विपक्ष का विधान परिषद में हंगामा देखने को मिला. विधान परिषद में विपक्ष ने की कासगंज दंगे की न्यायिक जांच की मांग उठी. अहमद हसन ने कहा कि कासगंज की घटना सरकार की नाकामी का घोतक है. सरकार का रवैया निष्पक्ष नहीं है. कासगंज मामले की हाई कोर्ट के सिटिंग जज से जांच की मांग की है. अहमद हसन ने आरोप लगाया कि जिनके मकान जले है वो अल्पसंख्यक हैं.

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