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सदन में यूपीकोका विधेयक बिल के खिलाफ विपक्ष ने किया वॉकआउट

Opposition woke out against UPCOCA Bill in the Assembly

Opposition woke out against UPCOCA Bill in the Assembly

योगी सरकार द्वारा यूपी में कानून व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए यूपीकोका लाने का प्रयास कर रही है। जिसके लिए आज विधानसभा यूपीकोका बिल लाई जिसे विधानसभा में पास कर दिया गया। जिसके विरोध में सदन में आज सम्पूर्ण विपक्ष ने वाकआउट कर दिया। विपक्ष ने इसे किसान, गरीब और पत्रकार विरोधी बताया है।

सपा ने कहा- उत्तर प्रदेश के लिए आज काला दिवस है

रामगोविंद चौधरी ने योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के लिए आज काला दिवस है। आज सरकार ने यूपीकोका को पास कराया है। यह आम जनता के लिए किसानों गरीबों के लिए पत्रकारों के लिए हानिकारक है। सरकार हर जगह फेल हो चुकी है, निराश हो चुकी है। जनता से जो वादा किया था कि केंद्र की सरकार चल प्रदेश की सरकार एक भी पूरा नहीं कर पाई। विरोध को झेल नहीं पा रही है इसलिए काले कानून के माध्यम से राजनीतिक विरोधियों को और जो सरकार के खिलाफ पत्रकार लिखते हैं उन पर भी लगाम कसने की अपनी गिरफ्त में लेने के लिए यह दुस्साहस कर रही है।

कांग्रेस ने कहा- यह काला कानून है, लोकतंत्र विरोधी है

अजय कुमार लल्लू सरकार ने काला कानून लाकर अंग्रेजी हुकूमत याद दिलाने का काम किया है। यह काला कानून है, संविधान विरोधी है, लोकतंत्र विरोधी हैं। इसमें पत्रकारों तक को आजादी नहीं है, जिसके अंतर्गत विरुद्ध होगा उसे अपनी बात कहने का कोई अधिकार नहीं होगा। आज तक ऐसा कोई कानून नहीं था, जिसमें पीड़ित को अपना आवाज रखने का मौका मिलता था, लेकिन इसमें पीड़ित की आवाज दबा दिया जाएगा। कांग्रेस इस बिल का पुरजोर विरोध करेगी और हमने इसी के विरोध में वाक आउट भी कर दिया। सड़क से और सदन तक पुरजोर विरोध करेंगे।

बसपा ने कहा- लोकतंत्र की हत्या के समान विधेयक

बीएसपी नेता लालजी वर्मा ने कहा कि यूपीकोका, सरकार अपराधियों के नियंत्रण के लिए नहीं लाई है। अपने राजनीतिक विरोधियों को क्लिक करने के लिए काला कानून लाए हैं। निश्चित रूप से यह एक लोकतंत्र की हत्या के समान विधेयक हैं। लोकतंत्र को खत्म करने वाला विधेयक है। हमारा यह मानना है कि अगर सरकार इस तरीके का अपराध नियंत्रण करना चाहती तो महाराष्ट्र में ऐसी ही BJP की सरकार में ऐसा ही एक विधेयक और कानून बना हुआ है, लेकिन उससे कितना अपराध नियंत्रण हो रहा है। यह भी देखने वाली बात है अगर अपने पक्ष कानूनी अपराध करता है तो उसे वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है और दूसरे पक्ष का होता है तो उसे प्रताड़ित करने का काम किया जाता है। इस विधेयक का हम भारी और भारी रुप से पुरजोर विरोध करते हैं।

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