लखनऊ के महानगर स्थित पंकज गुप्ता ने अपने आवास पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया था। जिसमें उन्होंने अपने विभिन्न बोनसाई आर्ट को प्रस्तुत किया। ‘भूमिजा‘ यानी भूमि से उत्पन्न, फिर चाहे वह किसी चितेरे की कल्पना हो या बड़े बड़े वृक्षों को छोटा और अति सुंदर बनाने की कला, जिसको बोनसाई आर्ट के नाम से जाना जाता है। यह विचार मन मस्तिष्क में रखते हुए पंकज गुप्ता एवं षाष्वत पाठक ने इस विधा पर काम किया और एक अद्भुत और आकर्षक प्रदर्शनी आप लोगों के सम्मुख प्रस्तुत है। चित्र में भी एक अनूठापन है जिसमे रंग पारंपरिक पेंटिंग ब्रश से ना भरकर उंगलियों या पेंटिंग नाइफ के जरिए भरा गया हो।

कहीं साक्षात प्रभु को चित्रित किया गया है तो कहीं प्रकृति ने अपनी छटा बिखेरी है। वर्षा को किस प्रकार से अपने संरक्षण में रखते हुए निरंतर उनकी देखभाल करते हुए सुंदर और आकर्षक रूप में आप लोगों के सम्मुख प्रस्तुत किया गया है। इस चित्र एवं बोनसाई प्रदर्शनी को किसी विथिका में ना लगाते हुए खुले वातावरण और प्रकृति के संग जोड़ते हुए करने का उद्देश्य यही है कि हम सब यह संकल्प लें कि हम सर्वजन आज से ही अपनी भूमि के सुधार के लिए संकल्प और जीवनकाल में कम से कम एक वृक्ष जरूर लगाएंगे।

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