Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

Special Story -होलिका दहन के दिन धधकती आग के बीच से निकलने के लिए तप पर बैठा पंडा ।

panda-sat-on-penance-to-get-out-of-the-blazing-fire-on-holika-dahan

panda-sat-on-penance-to-get-out-of-the-blazing-fire-on-holika-dahan

Special Story -होलिका दहन के दिन धधकती आग के बीच से निकलने के लिए तप पर बैठा पंडा ।

मथुरा-

कोसीकला में ब्रज की होली विश्व प्रसिद्ध है। होली पर यहां सदियों पुरानी लीलाएं जीवंत हो जाती हैं। इनमें भक्त प्रहलाद की लीला भी शामिल है। हर वर्ष कोसीकलां के शेरगढ़ रोड स्थित गांव फालैन में होती है। गांव फालैन में होली पर एक पंडा धधकते हुई आग के बीच से निकलता है। इस बार भी मोनू पंडा धधकते आग से निकलेगा। प्रहलाद नगरी फालैन में मोनू पंडा आज विधिवत पूजा-अर्चना के बाद तप पर बैठ गए। बेहद कठोर नियमों का पालन करते हुए एक माह तक पंडा घर नहीं जाएंगे। वह मंदिर पर रहकर अन्न का त्याग कर तप करेंगे। होलिका दहन वाले दिन लग्न के अनुसार पंडा धधकती होलिका से होकर गुजरेंगे। जिला मुख्यालय से करीब 55 किलोमीटर दूर फालैन गांव है, जिसे प्रहलाद का गांव भी कहा जाता है। मान्यता है कि गांव के निकट ही साधु तप कर रहे थे। उन्हें स्वप्न में डूगर के पेड़ के नीचे एक मूर्ति दबी होने की बात बताई। इस पर गांव के कौशिक परिवारों ने खोदाई कराई। इसमें भगवान नृसिंह और भक्त प्रहलाद की प्रतिमाएं निकलीं। प्रसन्न होकर तपस्वी साधु ने आशीर्वाद दिया कि इस परिवार का जो व्यक्ति शुद्ध मन से पूजा करके धधकती होली की आग से गुजरेगा, उसके शरीर में स्वयं प्रहलाद जी विराजमान हो जाएंगे। आग की ऊष्मा का उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके बाद यहां प्रहलाद मंदिर बनवाया गया। मंदिर के पास ही प्रह्लाद कुंड का निर्माण हुआ। तब से आज तक प्रहलाद लीला को साकार करने के लिए फालैन गांव में आसपास के पांच गांवों की होली रखी जाती है। फालैन को प्रहलाद का गांव भी कहा जाता है। गांव का पंडा परिवार प्रहलाद लीला को आज भी जीवंत करता हैं। मान्यता है कि प्रहलाद के अग्नि से सकुशल बच निकलने की खुशी में गांव के लोग होली खेलते हैं। जलती होली के मध्य से गुजरकर उस परंपरा और क्षण को लोग याद करते हैं। जब प्रहलाद को लेकर बुआ ने अग्नि में प्रवेश किया था। वसंत पंचमी पर ब्रज में होली का डांडा गड़ने के साथ ही इस लीला की तैयारी शुरू हो जाती है। इन 20 घरों के बुजुर्ग आपस में बैठक करते है। बैठक के दौरान तय किया जाता है कि इस बार धधकती आग में कौन निकलेगा। स्वेच्छा से लोग अपना नाम रखते हैं। और आज धधकती आग से निकलने के लिए मोनू पंडा जप पर बैठ गए हैं । मोनू पंडा एक माह तक मंदिर में अखंड ज्योति के पास बैठकर जप करेंगे। एक माह तक जमीन पर सोएंगे और केवल फलाहार करेंगे।

Report – Jay

Related posts

उत्तर प्रदेश में हो सकता है मंत्रिमंडल का विस्तार, मुख्यमंत्री ने गवर्नर से की मुलाकात!

Divyang Dixit
9 years ago

इलाहाबाद बैंक में पैसे निकालने पहुंचे बुर्जुग की मौत

Sudhir Kumar
7 years ago

लखनऊ:- कालिदास मार्ग पर मीडिया कर्मियों का भी जाना प्रतिबंधित किया गया

Desk
2 years ago
Exit mobile version