उत्तर प्रदेश सरकार के बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा प्रदेश भर के आंगनबाड़ी केन्द्रों को हर महीने पंजीरी उपलब्ध कराइ जाती है. जिसके बाद आंगनबाड़ी केन्द्रों से ये पंजीरी 6 साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को बांटी जाती है. लेकिन कुछ आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को बाँटने वाली पंजीरी का बड़ा खेल खेला जा रहा है. ताज़ा मामला यूपी के बलिया के लक्ष्मणपुर चट्टी का है जहाँ आँगन बाड़ी कार्यकर्त्रियों और सीडीपीओ की मिलीभगत से खुलेआम ये पंजीरी बेची जा रही है.

370 से 380 रूपए में बिक रही पंजीरी के बोरियां-

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  • उत्तर प्रदेश में कई जिलों में गरीब महिलायें और मासूम बच्चे कुपोषण का शिकार हैं.
  • ऐसे में गर्भवती महिलाओं और गरीब बच्चों के भोजन उपलब्ध करने के लिए सरकार आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पंजीरी उपलब्ध कराती है.
  • जिससे न केवल कुपोषण पर लगाम लगे जा सके बल्कि बच्चों का पेट भी भरा जा सके.
  • लेकिन प्रदेश के कई आंगनबाड़ी केन्द्रों पर इस पंजीरी का बड़ा खेल खेला जा रहा है.
  • ताज़ा मामला यूपी के बलिया के लक्ष्मणपुर चट्टी का है.
  • जहाँ पर आँगन बाड़ी कार्यकर्त्रियों और सीडीपीओ की मिलीभगत से ये पंजीरी खुलेआम बेची जा रही है.
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  • बता दें कि पंजीरी और पौष्टिक आहार की ये बोरियां मात्र 370 से 380 रूपए में बेंची जा रही हैं.
  • ऐसे में जिसे जितनी बोरियां चाहिए वो पैसे देकर उतनी बोरियां उठा ले जाता है.
  • हालत तो ये है की कार से चलने वाले लोग भी गरीबों के लिए दी गई इन बोरियों को बड़ी आकर खरीदते हैं.
  • बता दें कि बलिया में इससे पहले भी आंगनबाड़ी में चल रहे ऐसा फर्जीवाड़ा सामने आये हैं.
  • जहाँ कागज़ों पर फर्जी बच्चों के नाम पर पौष्टिक आहार बांटा रहा था.
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