उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अस्पतालों में लापरवाही से इलाज न करने की सख्त हिदायत दे रखी है. लेकिन सरकार के निर्देशों के बावजूद अस्पालाओं में इलाज के दौरान लापरवाही बरतने की घटनाएं थमने का नाम नही ले रही हैं. ताज़ा मामले मेरठ मेडीकल कालेज का है जहाँ गुरूवार 7 सितम्बर को संवेदनहीन डाक्टरों की लापरवाही के चलते एक मरीज की मौत हो गयी.

घर वाले मांगते रहे रहम की भीख-

  • सहारनपुर निवासी यामीन को तीन दिन पहले मेरठ मेडीकल कालेज लाया गया था.
  • एक हादसे में घायल यामीन की आंते संक्रमण के चलते फट चुकी थी.
  • ऐसे में मेडीकल कालेज के बेदर्द डाक्टरों ने उसके परिजनों पर दबाब बनाकर अस्पताल से बाहर से मँहगे टेस्ट कराये.
  • इस दौरान जब घरवालों ने डाक्टरों को फीलगुड फीस देने से इंकार कर दिया तो डाक्टरों ने यामीन के आपरेशन से अपने हाथ खींच लिये.
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  • डॉक्टरों का सितम यही कम नही हुआ यामीन को इमरजेंसी से भी निकाल दिया गया.
  • जिसके बाद बेबस यामीन बारिश में अस्पताल के बाहर शेड में पड़ा रहा.
  • इस दौरान यामिन क घरवाले डाक्टरों से रहम की भीख मांगते रहे.
  • लेकिन उनकी फ़रियाद से किसी का दिल नही पसीजा.
  • इमरजेंसी से निकाले जाने के कुछ ही घंटों बाद रात के साढ़े 11 बजे यामीन की मौत हो गई.
  • ऐसे में मेडीकल कालेज के सीएमएस डॉ अजीत चौधरी साहब डाक्टरों की संवेदनहीनता पर अब अपनी सफाई दे रहे है.

डाक्टरों की करतूतों पर परदा डालने में जुटे सीएमएस-

  • यामीन की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से शव ले जाने के लिए एम्बुलेंस का इंतजाम करने को कहा.
  • लेकिन यहाँ भी किसी ने उनकी बात नही सुनी.
  • सरकार के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मेडीकल का डाक्टरों ने अस्पताल के बाहर से मेडीकल टेस्ट कराये.
  • इसके साथ ही दो हजार रूपये की दवाऐं भी बाहरी मेडीकल स्टोर्स से मँगाई गई.
  • लेकिन इस सब के बावजूद सीएमएस अब अपने डाक्टरों की करतूतों पर परदा डालने में जुटे है.
  • यही नही सीएमएस अब इस मामले की जॉच का पाखंड कर रहे हैं.
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