जिलाधिकारी समेत सत्तानशीन एमपी पर भारी पड़ रहा पटवारी

पूर्व केन्द्रीय मंत्री व मौजूदा भाजपा सांसद एवं जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद भी नहीं हो सका लेखपाल का स्थानांतरण

कहीं आचार संहिता का इंतजार तो नहीं कर रहे जनपद के अधिकारी

आखिर उपजिलाधिकारी लम्भुआ लेखपाल पर इतना मेहरबान क्यों

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जनपद सुलतानपुर के लम्भुआ तहसील अंतर्गत हरीपुर बनवां मे वर्षों से जमे लेखपाल राकेश चौबे पर उपजिलाधिकारी लम्भुआ सहित आलाअधिकारी भी मेहरबान लग रहे है । इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लेखपाल के कार्यों से आजिज ग्रामीणो ने जिलाधिकारी से मिलकर शिकायत की थी लेकिन सप्ताह भर बीत जाने के बाद भी ठक्त लेखपाल पर कोई कार्यवाही नही की गई ।

आपको बता दे कि लम्भुआ तहसील के हरीपुर बनवा मे तैनात लेखपाल ने अपने चहेते गैर जनपद मे तैनात लेखपाल रामायण प्रसाद मिश्र के पिता जितेन्द्र कुमार मिश्र को गाटा सं ० 115 ख मे पटटा दे दिया था जिस पर रात के अंधेरे मे उन लोगो ने टीनशेड रखकर गांव मे स्थित दो विद्यालयो एक इण्टर कालेज एवं एक सरकारी जू ० हा ० स्कूल के रास्ते पर कब्जा कर लिया था इस बात की जानकारी सुबह जब ग्रामीणों को हुई तो 112 नं ० पुलिस के सामने ही टीनशेड का कोई मालिक न होने के कारण उसे ग्रामीणो ने उठाकर रास्ते से बगल रख दिया था ।

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इतना ही नही जिन जितेन्द्र मिश्र के नाम पटटा किया गया है उनके पास गांव मे पक्का मकान व पुश्तैनी कई बीघा जमीन मौजूद है इसके अलावा सूत्र तो यहां तक बताते है कि राकेश चौबे ने गाटा सं ० 139 जिसमे इस समय भी पेड मौजूद है उसके 6 विस्वा रकबे को लेखपाल रामायण मिश्र के भाई हरिओम मिश्र के नाम कागज में झोपडी / छप्पर दिखाकर घरौनी दर्ज कर दिया जबकि यह विजय कुमार बजरंग बली रामकुमार की पुश्तैनी आबादी है ।

घरौनी मे इधर का उधर करने में माहिर लेखपाल ने विजय कुमार मिश्र की घरौनी आबादी गाटा सं ० 137में न दर्ज कर 75 ख जो कि दूसरे गांव मे है वहां दर्ज कर दिया है । लेखपाल राकेश चौबे हनुमानगंज के पास एक ढाबे पर बैठकर वही से अपने कुछ चहेतो द्वारा ग्राम सभा मे हो रही सभी गतिविधियो के बारे मे जानकारी लेते है और मुकदमा आदि की कार्यवाही कर पीडितो को बुलाकर सारा खेल खेलते है बिना मुंहमांगी दक्षिणा के लेखपाल से कोई कार्य कराना संभव नहीं है यहां तक कि जिलाधिकारी के यहां दायर धारा ३०/२ के मुकदमे में रिपोर्ट लगाने के लिए उक्त लेखपाल ने ३० हजार की मांग की थी जब इस पर भुक्तभोगी ने असमर्थता जाहिर की तो उसने कहा कि यह कभी भी नही नपेगा जहां जितनी ताकत लगानी हो लगा लो ।

इसी तरह से घरौनी दर्ज करने को लेकर कई लोगो से उसने धन उगाही की है जिस बात का प्रमाण मौजूद है । लेखपाल के इस तरह के कार्यों से आजिज ग्रामीणो ने कई बार उच्चाधिकारियो से शिकायत की लेकिन उपजिलाधिकारी लम्भुआ सहित प्रशासनिक अधिकारियों पर ग्रामीणो की शिकायत का कोई असर नही हुआ इस बात से आजिज ग्रामीणो जिलाधिकारी महोदय को शिकायती पत्र देकर अवगत कराया इस बात की खबरे जनपद के दर्जनो सम्मानित अखबारों सहित कई चैनलो मे भी चली ।

ग्रामीणो की शिकायत पर जिलाधिकारी महोदय ने जांच कर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया था । लेखपाल पर कोई कार्यवाही न होती देख गांव वालो ने विधायक लम्भुआ देवमणि द्विवेदी जी से फोन पर वार्ता कर इस मामले की पूरी जानकारी दी जिस पर विधायक जी स्वयं संज्ञान लेकर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया ।

विधायक जी द्वारा कोई कार्यवाही होती देख गांव वाले सांसद मा ० मेनका गांधी जी से मिले जिस पर मा ० सांसद महोदया ने मुख्य विकास अधिकारी से फोन पर वार्ता कर उनको कार्यवाही करने का आदेश दिया जब इस बाबत पत्र लेकर जब सी ० डी ० ओ ० से मुलाकात की गई तो उन्होने कवरिंग लेटर लगाकर सी ० आर ० ओ ० एवं उपजिलाधिकारी लम्भुआ से कार्यवाही करने को कहा ।

जब सी ० आर ० ओ ० से इस बात को लेकर मुलाकात की गई तो उन्होंने सी ० डी ० ओ ० का कवरिंग लेटर लगाकर उप जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कार्यवाही की बात कही परन्तु कई दिन बीतने के बाद भी आज तक न तो जिलाधिकारी द्वारा न ही सी ० आर ० ओ ० द्वारा और न ही उपजिलाधिकारी द्वारा कोई कार्यवाही की गई ।

इतने के बावजूद भी उक्त लेखपाल ढाबे पर बैठकर अपने चहेतो द्वारा ग्रामीणो से उगाही मे व्यक्त है । ग्रामीणो ने हल्का लेखपाल द्वारा कराये गये कार्यों की जांच कर पुनः उस गांव की घरौनी बनवाने एवं जिलाधिकारी महोदय से कार्यवाही करने की मांग की है इस लेखपाल कार्यवाही ने होने की स्थित मे सैकडो ग्रामीण जिलाधिकारी कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होगे ।

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