लखनऊ में तीन दिन से फैले तेंदुए का खौफ आज खत्म हो गया. आशियाना के औरंगाबाद में तेंदुए को पकड़ने की सारी कोशिशें वन विभाग की फेल होती नजर आई. वन विभाग की तरफ से तेंदुए को पकड़ने के लिए लगाए गए जाल को पार करते हुए गांव में घुस गया. इस दौरान तेंदुए के हमले में इंस्पेक्टर सहित ग्रामीण भी घायल हो गया. ख़बरों के मुताबिक, स्थानीय युवक ने तेंदुए को गोली मार दी. तेंदुए को गोली लगने के बाद उसे जू अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. लेकिन तेंदुए की मौत के साथ ही ये सवाल खड़ा हो गया कि क्या तेंदुए को जीवित पकड़ा जा सकता था, अगर हाँ तो एक-एक करके उसे 3 गोली मारने के पीछे क्या मंशा थी? तेंदुए की मौत के बाद PCCF ने प्रेस कांफ्रेंस कर कई बातों का खुलासा किया.

तेंदुए की मौत के मामले में दर्ज होगी FIR:

PCCF ने कहा कि तेंदुए को मारने की अनुमति किसी को नहीं है, वाइल्ड लाइफ कोड ऑफ़ कंडक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया जायेगा. PCCF ने वन विभाग और पुलिस के बीच मतभेदों से इंकार किया. उन्होंने साथ ही स्पष्ट किया कि आज तीसरे दिन की घटना है.

ग्रामीणों को हटाने में पुलिस ने नहीं दिया साथ

वन विभाग अधिकारी ने जांच कराने की बात कही और कहा कि तेंदुए को गोली मारने की अनुमति PCCF से नहीं ली गई थी. इस सन्दर्भ में FIR की जाएगी. PCCF की तरफ से कहा गया कि तमाम बिन्दुओं की जाँच की जाएगी और उसके बाद दोषी व्यक्ति पर नामजद मुकदमा दर्ज किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अज्ञात से FIR शुरू होगी और जाँच के बाद नामजद किया जायेगा. PCCF ने कहा कि मौके पर मौजूद भीड़ को हटाने में पुलिस ने सुबह मदद नहीं की. वन अधिकारियों का कहना है कि श्रेणी 1 के जानवर तेंदुए को पुलिस ने बिना हमारी अनुमति के मारा, वह रास्ता भटक गया था.

वन विभाग के एसडीओ मोहनलालगंज करेंगे जांच

15 दिन में जांच रिपोर्ट आ जाएगी और तेंदुए की मौत का जिम्मेदार जेल जाएगा. जांच में दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. इंडियन वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट के तहत दर्ज अज्ञात के खिलाफ आज मुकदमा दर्ज होगा. PCCF ने ये भी कहा कि वन क्षेत्रों में पिछले दिनों दो घटनाएँ सामने आई है और इसकी समीक्षा की जाएगी कि आगे इस प्रकार की घटना न हो और रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान किसी भी जानवर की जान न जाये. PCCF ने कहा कि पोस्टमार्टम के दौरान तेंदुए के शरीर से गोली मिलने पर बैलेस्टिक रिपोर्ट भी मंगाई जाएगी. PCCF ने कहा कि पुलिस से बात की जाएगी कि किन परिस्थितियों में गोली चलानी पड़ी और किसने गोली चलाई.

तेंदुए को लगी 3 गोली :

PCCF ने कहा कि तेंदुआ जाल से किस प्रकार निकलकर बाहर आया और इसमें चुक कहाँ हुई, इसकी जाँच भी की जाएगी. मौके से लोगों का बयान भी लिया जायेगा. PCCF ने कहा कि पुलिस ने सपोर्ट किया लेकिन सुबह जिस प्रकार घटना हुई, वो टाली जा सकती थी. PCCF ने ये भी कहा कि संसाधनों के अभाव की बात नहीं है, यहाँ हालात अलग थे. तेंदुए के शरीर पर जख्मों को देखकर लगता है कि उसे 3 गोली मारी गई है. हालाँकि तेंदुए का पोस्टमार्टम अभी चल रहा है और इसके बारे में पूरी जानकारी रिपोर्ट आने पर ही मालूम हो सकेगी.

पुलिस को भी नहीं थी गोली मारने की अनुमति:

PCCF ने कहा कि तेंदुए को गोली मारने की अनुमति किसी को भी नहीं थी. तेंदुआ आदमखोर नहीं था, वो बहक गया था. पुलिस वहां से लोगों को हटाने में आज सुबह सपोर्ट नहीं कर रही थी. तेंदुए को बचाया जा सकता था. इस प्रकार ग्रेड 1 के तेंदुए की जान जाने की जाँच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊ पुलिस के IG ने 50 हजार का इनाम घोषित किया

SHO आशियाना त्रिलोकी सिंह को तेंदुए को मारने पर IG द्वारा 50 हज़ार रु का इनाम का घोषित कर दिया गया था. मुख्य वन रंरक्षक के प्रवीण राव का कहना है कि लखनऊ पुलिस से पर्याप्त मदद नहीं मिली. ये जाँच में पता चलेगी कि लखनऊ पुलिस ने बिना अनुमति के तेंदुए को गोली मार दी. इसके लिए पुलिस से भी बात की जाएगी. उन्होंने कहा कि वन विभाग के बाद प्रशिक्षित लोगों की टीम थी जो तेंदुए को काबू में करने के लिए सक्षम थी. लेकिन पुलिस ने सुबह पूरी कमान अपने हाथों में ले लिया था. बता दें कि आशियाना थाना क्षेत्र औरंगाबाद इलाके में आज सुबह 3 गोलिया लगने के बाद तेंदुए की मौत हुई थी.

तो क्या SHO के खिलाफ दर्ज होगी FIR?

PCCF तेंदुए की मौत को लेकर FIR दर्ज कराने की बात तो कर रहा है लेकिन सीधे तौर पर पुलिस के खिलाफ मामला दर्ज कराने की बात से इंकार करता दिखाई दिया. बार-बार जाँच की बात कही जा रही है जबकि लखनऊ पुलिस के IG ने SO आशियाना त्रिलोकी सिंह को बहादुरी के लिए 50 हजार रु का पुरस्कार देने की घोषणा भी कर दी. एक सवाल के जवाब में PCCF की तरफ से कहा गया कि अगर पुलिसकर्मी या किसी भी व्यक्ति की पहचान गोली मारने के रूप में होती है तो निश्चित ही नामजद मुकदमा कायम कर कार्रवाई की जाएगी. वन विभाग ने बताया कि इस प्रकार के मामले में कम से कम 7 साल की सजा हो सकती है.

लखनऊ ज़ू में चल रहा तेंदुए का पोस्टमार्टम

लखनऊ में तीन दिनों से तेंदुए का खौफ फैला हुआ था. तेंदुए को पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम लगातार प्रयासरत रही.इस दौरान टीम ने उसे एक जगह घेर लिया और जाल बिछाकर उसे एक जगह कैद करने की कोशिश में जुट गए लेकिन तेंदुए को पकड़ने वन विभाग की टीम असफल साबित हुई. शनिवार को तेंदुए ने वन विभाग के लगाए जाल को फाड़कर औरंगाबाद जहाँगीर गांव में घुस गया. भागते-भागते तेंदुआ गांव के ही शोएब के घर में जा घुसा था. तेंदुए का पोस्टमार्टम अभी चल रहा है और इसके बारे में पूरी जानकारी रिपोर्ट आने पर ही मालूम हो सकेगी.

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें