जिले में लोगों की सुविधाओं के लिए सरकार योजनाएं तो बनाती हैं, लेकिन उनकी सही ढंग से निगरानी नहीं होने से योजनाओं का लाभ जहां पहुंचना चाहिए, वहां नहीं पहुंच पाता।

  • इन्हीं योजनाओं में से एक है स्व जलधारा योजना सरकार द्वारा प्रायोजित इस योजना का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण व कसबाई इलाकों में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति करना है।
  • विशेष रूप से वैसे क्षेत्र जहां पानी के ऊपरी स्तर में आर्सेनिक, क्लोराइड व फ्लोराइड की मात्र अधिक है।
  • इस योजना में डीप बोरिंग द्वारा पानी टंकी में पानी जमा कर पाइप लाइन द्वारा जलापूर्ति करनी है,
  • पर यह अमेठी के शुकुल बाज़ार में तो स्वच्छ पेय जल जैसी योजनाएं आज पूरी तरह असफल हो रही हैं।

अधिकारी कर रहे आराम, जनप्रतिनिधि भी नहीं ले रहे रूचि

  • यहां की शुकुल बाजार में कहने के लिए तो जल निगम में जेई, आपरेटर, ब्रेक लाइन चेक करने के लिए गाड़ी के साथ इंजनीयर, वाहन चालक और विभाग सम्बन्धित सभी कर्मचारी तैनात हैं।
  • लेकिन यहां तो विभागीय अधिकारी और कर्मचारी पूरी तरह आराम फरमाने में जुटे हैं।
  • जिससे विभिन्न पेयजल समूहों के माध्यम से क्षेत्र के आधे से अधिक गांवों में होने वाले शुद्ध पेयजलापूर्ति बाधित हो रही है।
  • जनप्रतिनिधियों द्वारा भी इसमें कोई रुचि नहीं ली जा रही है।
  • क्षेत्रवासियों ने जिला प्रशासन व विभागीय पदाधिकारियों की उदासीनता पर नाराजगी जतायी है।
  • लोगों ने तत्काल इस दिशा में कारगर कदम उठाने की मांग की है।
  • काश! ईमान के साथ मानवीय और नैतिकता के आधार पर पानी के लिए पानी के नाम पानीदार होकर अपने-अपने कार्य को अंजाम दिया जाता तो शायद शुकुल बाजार की जनता का गला सूखा न होता।
  • यहां की जनता प्यासी न होती? यह एक गंभीर मुद्दा भी इस चुनावी माहौल में बन सकता है।
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