आईसीयू में भर्ती कोरोना मरीजों को पीजीआई के डॉक्टर इलाज की दिशा तय करेंगे। इलाज का सजीव प्रदर्शन होगा। इससे मरीजों को सटीक इलाज मिलने की उम्मीद बढ़ी है।

कोरोना के गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की दिशा में अहम कदम उठाया गया है। मृत्यु दर के आंकड़ों में कमी लाने के लिए मेडिकल कॉलेजों के आईसीयू को पीजीआई से जोड़ा जा रहा है। पीजीआई के राजधानी कोविड अस्पताल के आईसीयू वार्ड में कियोस्क विद हाई डिफनेशन कैमरा लगाने जा रहा है। दिल्ली की एक फॉउंडेशन की मदद से यह तकनीक विकसित होगी। नवम्बर माह से यह सेवा शुरू हो जाएगी।

हब एंड स्पोक मॉडल पर काम करेगा

पीजीआई निदेशक डॉ. आरके धीमान बताते हैं कि हब एंड स्पोक मॉडल की तरह नेटवर्क तैयार किया जाएगा है। इसे पीजीआई के आईसीयू और प्रदेश के समस्त मेडिकल कालेजों को जोड़ा जाएगा। पीजीआई में दिए जा रहे कोरोना मरीजों के इलाज और उनकी स्थिति के साथ ही उनकी जांच रिपोर्ट का लाइव डिमांस्ट्रेशन होगा। ऑक्सीजन और वेंटिलेटर सपोर्ट वाले मरीजों को दिए जा रहे उपचार को मेडिकल कालेज के डॉक्टर देख संकेंगे। वह इसी तरह अपने यहां भर्ती मरीजों को इलाज करेंगे।

कोविड प्रबंधन प्रोटोकॉल का तहत उपचार मिलेगा

संस्थान निदेशक डॉ. आरके धीमान बताते हैं संक्रमित मरीजों के ठीक होने की दर पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा पीजीआई की है। सरकार ने कुछ दिन पहले  पीजीआई की ओर से कोरोना मरीजों को दिए जा रहे उपचार हेतु तैयार कोविड प्रबंधन प्रोटोकॉल को पूरे प्रदेश के अस्पतालों में लागू किया था। जिसके सकारात्मक नतीजे आये हैं।  जिसके मद्देनजर पीजीआई प्रशासन ने प्रदेश के मेडिकल कालेजों ने आईसीयू में भर्ती गम्भीर मरीजों के उपचार का लाइव डिमांस्ट्रेशन  दिखाएगा। ताकि इन मेडिकल कालेज के डॉक्टर उपचार का तरीका देखकर मरीजों का इलाज करें।

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