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मुन्ना बजरंगी हत्याकांड के बाद जेलों में सुरक्षा को लेकर पीआईएल हुई दाखिल

PIL filed for security in prisons after Munna Bajrangi murder

प्रदेश की जेल कितनी सुरक्षित है, इस बात का पता तो बागपत जेल में कुछ दिन पहले ही कुख्यात माफिया मुन्ना बजरंगी की मौत के बाद चल ही गया. जिलों में हमेशा से बंद अपराधियों की जान पर बनी रहती है. कारण साफ़ है कि प्रदेश के कारागारों में सुरक्षा की उचित व्यवस्था का न होना. 

अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने दाखिल की पीआइएल:

इसी के चलते हाई कोर्ट में जेल सुरक्षा को लेकर पीआईएल दाखिल की गयी हैं. ये पीआईएल अधिवक्ता मोतीलाल यादव ने दाखिल की है.
बता दें कि ज्यादातर जनपदों की जेलों में सीसीटीवी कैमरा की व्यवस्था तक नहीं है. जिन कारागारों में है भी, तो वहां कैमरा काम हीं नहीं करते यानी न के बराबर.
वहीं प्रदेश के 13 जिलो के कारागारों में जेल अधीक्षक के पद भी खाली हैं. इनमें जल्द से जल्द भर्ती की भी मांग उठी है. इतना ही नहीं प्रदेश के कई कारागारों की स्थिति बेहद खराब है. इन जेलों में क्षमता से कई गुना अधिक कैदियों को बंद रखा गया है. इस पीआईएल के जरिये इसको लेकर भी पर्याप्त इन्तेजाम करने की मांग उठी है.

कल सुनवाई:

वहीं जेलों में सालों से वृद्ध कैदियों को भी बंद रखा गया हैं. पीआइएल मे 75 से 80 के उम्र के कैदियों को रिहा किया जाए की भी मांग की गयी. इन सभी को लेकर अधिवक्ता मोतीलाल यादव द्वारा हाई कोर्ट में दाखिल पीआईएल पर कल कोर्ट में सुनवाई होनी है.

पीआइएल में इन बातों का दिया गया हवाला:

-सीसीटीवी की हो व्यवस्था
-13 जिलो में जेल अधीक्षक के खाली पद भरे जाए
-संख्या से कई गुना अधिक जेल में कैदी. जिनको लेकर किये जायें पर्याप्त इंतजाम।
-75 से 80 के उम्र के कैदियों को रिहा किया जाए।

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