अभी देश के काले लोगों का काला मन साफ कर रहे हैं पीएम नरेंद्र मोदी: योगगुरु रामदेव

योगगुरु रामदेव मानते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी देश के काले लोगों का काला मन साफ कर रहे हैं। कालाधन अभी देश के एजेंडे में हैं लेकिन इससे पहले काला मन साफ करना बेहद जरूरी है। बिना काला मन साफ हुए काले धन की वापसी का कोई फायदा नहीं होगा। योग गुरु रविवार को  कुम्भ मेले में पहुंचे। इस दौरान ज्वलंत मुद्दों पर उन्होंने मीडिया से अपनी राय साझा की। देश में सभी को भारत रत्न दिया जा रहा है। सामाजिक, राजनीतिक, खेल और कला के क्षेत्र में काम करने वालों को सम्मान मिला। मैं इसका सम्मान करता हूं। क्या आज तक किसी साधु ने इस दिशा में काम नहीं किया। अगर सभी को सम्मान मिलता है तो फिर साधु समाज को क्यों नहीं।

हिन्दू संत समाज को नही मिलता सम्मान: योगगुरु रामदेव

संतों को सम्मान नहीं मिला यह तो समझ से परे हैं। लेकिन सचिन तेंदुलकर, नाना साहेब, प्रणब मुखर्जी तक को सम्मान मिला है। मदर टेरेसा को भी भारत रत्न से नवाजा गया है। तो हिन्दू संत समाज को क्यों नहीं। क्या स्वामी विवेकानंद, क्या गुरु गोविंद सिंह इस योग्य नहीं थे। दूसरे धर्म के लोगों को अगर भारत रत्न से नवाजा जा रहा है तो फिर हिन्दू साधु समाज को भी भारत रत्न से नवाजा जाना चाहिए। महर्षि दयानंद, दक्षिण में एक करोड़ बच्चों को शिक्षा देने वाले शिशुण कुमार स्वामी को भारत रत्न नहीं दिया। हिन्दू साधु को क्या डूब मरना चाहिए। सोचना चाहिए कि जिन्होंने  देश बनाया उसे देना चाहिए। या तो पुरस्कार न दो, दो तो ईसाई, मुसलमान और हिन्दू सभी को देना चाहिए।

हिन्दु साधुओं को भी देना चाहिए अवार्ड:  योगगुरु रामदेव

मैं मानता हूं कि स्वामी विवेकानंद और महर्षि दयानंद को पुरस्कार की जरूरत नहीं है लेकिन जब आप स्वीकार करते हैं कि यह पुरस्कार उनके लिए हैं जिनका देश में बहुत बड़ा योगदान है तो हिन्दु साधुओं को भी अवार्ड देना चाहिए। मेरा मानना है कि राम मंदिर का निर्माण होना ही चाहिए। न सिर्फ राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए बल्कि राम मंदिर के लिए भूमि अधिग्रहण कर उसे हिन्दू समाज को सौंप देनी चाहिए। न सिर्फ राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए बल्कि पूरे देश का चरित्र भी भगवान राम और सीता जैसा होना चाहिए।

साधु संत अगर एकजुट हो जाएं तो राम मन्दिर निर्माण का काम हो जायेगा आसान: योगगुरु रामदेव

राममंदिर का निर्माण तो सरकार कराएगी लेकिन एकजुटता जरूरी है। साधु संत अगर एकजुट हो जाएं तो काम आसान होगा। देश में सात लाख गांव हैँ। प्रत्येक गांव में एक से दो साधु संत हैं। अब आप सोच लीजिए कि हमारी शक्ति कितनी है।कालेधन का मुद्दा हम मोदीजी पर छोड़ चुके हैं। अभी हम काले मन के ऊपर काम कर रहे हैं। यह मुद्दा भी देश के लिए उतना ही जरूरी है बल्कि कहीं ज्यादा जरूरी है। जहां तक कालेधन की बात है हम इस पर लगातार काम कर रहे हैं। कालेधन का मुद्दा छोड़ा नहीं गया इस पर भी काम होगा। कुम्भ हमारी धार्मिक पहचान है। यहां पर ज्ञानामृत, यहां योगामृत है। समुद्र मंथन प्रतीकात्मक था लेकिन यह कुम्भ व्यावहारिक है।

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