उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली हमेशा से सवालों के घेरे में रहती है. इसी का एक उदाहरण बीते दिन देखने को मिला. कल एससी/एसटी एक्ट को लेकर पूरा दिन उग्र आन्दोलन चला. इन्ही सब के बीच आरएसएस का पक्ष रखने वाले संघ विचारक राकेश सिन्हा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. मजेदार बात ये है कि पुलिस ने ऐसा उन्हें दलित एक्टिविस्ट समझ कर किया.

पहले हिरासत में लिया फिर की अभद्रता: 

टीवी चैनलों में आरएसएस का पक्ष रखने वाले संघ विचारक राकेश सिन्हा को कल नोएडा पुलिस उठाकर ले गयी. एक न्यूज़ चैनल के डिबेट में हिस्सा लेकर बाहर निकले सिन्हा गेट पर खड़े थे. इस दौरान पुलिस ने गलती से उन्हें दलित एक्टिविस्ट समझ लिया. राकेश सिन्हा ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि एसएचओ अनिल कुमार शाही के नेतृत्व में जबरन पुलिस गाड़ी में बैठाकर ले गयी. उनका व्यवहार अशोभनीय था. भीड़ जुटने पर उन्हें 500 मीटर दूर जाकर छोड़ा.

राकेश सिन्हा के इस ट्वीट पर वरिष्ठ पत्रकार राजेश जोशी ने लिखा कि “जब आपके साथ ऐसा व्यवहार हो सकता है राकेश सिन्हा जी तो आप अनुमान लगा सकते हैं सत्ता तक पहुंच नहीं रखने वाले लोगों का क्या हाल होगा”.

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