मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर डीजीपी ओपी सिंह तक पुलिस की छवि सुधारने के लिए भागीरथ प्रयास कर रहे हैं। हर कार्यक्रम और बैठक में वह पुलिस को अपना व्यवहार सुधारने और फरियादियों की धैर्यपूर्वक पीड़ा सुनने व आम जनता से दोस्ताना संवाद करने की नसीहत देते हैं। हालांकि, राजधानी पुलिस पर इन नसीहतों का जरा भी असर नहीं पड़ रहा। पुलिसकर्मियों का कोई न कोई ऐसा मामला सामने आ ही जाता है जिससे सवाल उठने लगते हैं।

उन्नाव में गैंगरेप पीड़िता के पिता को जेल भेजकर कटघरे में खड़ी पुलिस अब भी सुधरने का नाम नहीं ले रही है। इस बार पीजीआई पुलिस ने पत्नी की गुमशुदगी की फरियाद लेकर थाने पहुंचे कपड़ा व्यापारी पर कहर बरपाया। पुलिस ने व्यापारी को लात-घूंसों से पीटने के बाद उसे हवालात में डाल दिया। पुलिस का यह रूप देख व्यापारी का 10 वर्षीय बेटा बिलख कर रोने लगा। पुलिस ने आनन-फानन में व्यापारी के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा भी दर्ज कर लिया। हालांकि व्यापारी की मानसिक हालत बिगड़ती देख पुलिस ने उसे निजी मुचलके पर रिहा कर दिया। पुलिस ने उसकी पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कर ली है।

कई दिनों से कोतवाली के चक्कर लगा रहा था पीड़ित

तेलीबाग निवासी मोहम्मद राजा की एसकेएफ शॉपिंग कॉम्पलेक्स में टिपटॉप नाम से रेडीमेड गारमेंट्स की दुकान है। परिवार में पत्नी फूल जहां, बेटी अलिफ्शा (14), बेटा शान मोहम्मद (10) व फिरदौस (6) हैं। राजा ने बताया कि उसकी पत्नी फूल जहां 5 अप्रैल की दोपहर 3 बजे से लापता है। राजा का आरोप है कि वह एक हफ्ते से प्रार्थना पत्र लेकर पीजीआई कोतवाली के चक्कर लगा रहा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जबकि उसने पुलिस को पत्नी को जान का खतरा होने की बात भी बताई।

इंस्पेक्टर ने कमरे में पीटा

राजा ने बताया कि गुरुवार दोपहर वह अपनी फरियाद लेकर पीजीआई कोतवाली आया था। वह बेटे शान मोहम्मद को साथ लेकर इंस्पेक्टर रवीन्द्र नाथ राय के कमरे में गया और उनसे मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई करने की गुहार लगाई। राजा का आरोप है कि वह पूरी बात कह भी नहीं पाया था कि इंस्पेक्टर अपनी कुर्सी से उठ खड़े हुए और उसे पीटने लगे। इंस्पेक्टर ने उसे जमीन पर पटक दिया और लातों से पीटा। इसके बाद चौकी इंचार्ज अरुण कुमार मिश्रा को बुलाकर उनके हवाले कर दिया।

चौकी इंचार्ज ने कार्यालय में दोबारा पीटा

राजा ने बताया कि चौकी इंचार्ज अरुण मिश्रा ने उसे कार्यालय ले जाकर दोबारा पीटा। पिता को मार खाते देख शान मोहम्मद पुलिस कर्मियों के सामने गिड़गिड़ाने लगा। उसने पुलिस से उसके पिता को छोड़ने की मिन्नतें की लेकिन पुलिस ने उसकी एक नहीं सुनी। पिता को बचाने के लिए शान मोहम्मद उनसे लिपट गया। इस पर पुलिस कर्मियों ने बच्चे को बाल पकड़कर खींचकर बाहर कर दिया। राजा ने बताया कि पिटाई के बाद पुलिस ने उसे हवालात में डाल दिया और उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।

…अंकल! मम्मी घर पर नहीं हैं, प्लीज पापा को छोड़ दीजिये

10 वर्षीय शान लगातार पुलिस के सामने गुहार लगाता रहा। उसने कहा कि… अंकल! मम्मी घर पर नहीं हैं, अगर पापा को जेल में डाल देंगे तो हम लोगों का क्या होगा। बच्चे के काफी कहने पर पुलिस ने तीन घंटे बाद राजा को हवालात से बाहर निकाला और निजी मुचलके पर रिहा कर दिया। पुलिस ने उसकी पत्नी की गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कर ली।

राजा हवालात से इंसाफ की गुहार लगाता रहा और उसका मासूम बेटा थाने के एक कोने में पिता की बेचारगी देखकर सुबकता रहा। इस दौरान थाने के किसी पुलिसकर्मी पर पिता-पुत्र की मिन्नतों का असर नहीं हुआ। करीब तीन घंटे तक थाने में चौकी प्रभारी अपनी मनमानी करते रहे और इंस्पेक्टर रविंद्र नाथ राय के कानों में जूं तक नहीं रेंगी।

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