बाराबंकी जिले के सुबेहा पुलिस की कार्यप्रणाली पर फिर एक बार बड़ा सवाल खड़ा हो गया है सुबेहा पुलिस एक बार फिर सन्देह के घेरे में घिरती नजर आ रही है. दर असल यहां सुबेहा थाने से करीब 3 किमी में दूर एक गाँव में अवैध शराब का धंधा फलफूल रहा था. पकड़ी गई अवैध शराब फैक्ट्री को सुबेहा पुलिस के संरक्षण की बात भी दबे जुबान से चर्चा में है। 

क्या है पूरा प्रकरण:

जानकारी के मुताबिक, बाराबंकी के असन्द्रा थाना प्रभारी धीरेंद्र कुमार वर्मा कल 6 जुलाई को दोपहर लगभग 1 बजे अपनी टीम के साथ सुबेहा थाने से करीब 3 किमी दूर स्थित गाँव रामपुर निवासी रोशन लाल गौतम के घर पर चल रहा शराब का अवैध कारखाना के गोदाम पकड़ा था यहां से लगभग 1100 लीटर स्प्रिट, ब्राउन कलर का 2 लीटर केमिकल, देशी शराब के खाली दो बोरे, 50 पीस खाली गत्ते, ढक्कन सील करने की मशीन, रैपर, उपकरण और ढक्कन सील पैक चिट दो बंडल,बरामद किया साथ ही मौके से तीन अभियुक्त को भी गिरफ्तार किया ।

शराब का अवैध कारखाने के इस खुलासे के बाद इस गोरखधंधे को सुबेहा पुलिस का संरक्षण भी प्राप्त होने का आरोप है क्षेत्राधिकारी हैदरगढ़ समर बहादुर ने बताया कि अवैध शराब के खिलाफ गोपनीय ढंग से अभियान चल रहा है इस धंधे को संरक्षण देने वाले बच नहीं पाएंगे।

सुबेहा थाना में गांव-गांव बिक रही है अवैध शराब-सुबेहा क्षेत्र में शराब के अवैध कारोबारी अब अधिक लाभ कमाने के चक्कर में गांव-गांव अवैध बिक्री कर अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे है गांव-गांव हो रहे इस अवैध शराब निर्माण में ठेकेदारों व ग्रामीणों द्वारा बेरोक-टोक इस कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है ग्रामीण युवकों को शराब उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे ये युवक इन ठेकेदारों के लिए काम भी करते हुए देखे जा रहे हैं।

इससे जहां एक ओर ग्रामीण अंचलों व उपनगरीय क्षेत्रों का माहौल खराब हो रहा है तो वही दूसरी ओर युवा पीढ़ी नशे की लत की आदी होती जा रही है और ऐसा भी नहीं है कि शराब के अवैध कारोबार की जानकारी जिले के आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन को न हो, लेकिन जिले का यह प्रशासन जिले में अपनी सुस्ती व नाकामी का ही परिचय दे रहा है।

इसका है ज्यादा प्रचलन

घरों में बनती है अवैध शराब :ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब का गोरखधंधा जोरों पर है, जगह-जगह ग्रामीणों को शराब बनाते हुए भी देखा जा सकता है इन ग्रामीण क्षेत्रों में महुए की शराब बेहद प्रचरित भी है,और आसानी से मिलने वाली चीज भी, जिससे इसे शराब

बनाने में सबसे उपयुक्त समझा जाता है।

पुलिसिया तंत्र के पास इन सारे गोरखधंधों की जानकारी

कई गांवों में अवैध शराब निर्माण कानून से बेखौफ खुलेआम किया जा रहा है जबकि इन गांवों के संबंधित थानों में पुलिसिया तंत्र के पास इन सारे गोरखधंधों की जानकारी पहले से मौजूद रहती है,परंतु फिर भी इस अवैध गोरखधंधे पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती।

पुलिस मांगती है कमीशन

अपनी जेबें गरम करने के लिए सुबेहा पुलिस को यह सब भली-भांति ज्ञात रहता है कि किस इलाके में कौनसा अवैध काम किया जा रहा है, लेकिन आरोप है कि वह उन बदमाशों पर कार्रवाही करने की बजाय उनसे अपना हिस्सा मांगती है और बदले में उनसे अपनी दोस्ती-यारी निभाती है जिससे इन अपराधियों को शह मिल रही है और इनका कारोबार फल-फूल रहा है।

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