उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले स्थित ऊंचाहार के अप्टा गांव में पूर्व प्रधान सहित पांच लोगों की नृशंस हत्याएं  की गई है. जिसमें दो आदमी को जिंदा भून दिया गया जबकि तीन आदमी को मारने के बाद जलती कार के नीचे फेंक दिया गया गया. इस मामले में बीजेपी नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने अपने बयान  में मरने वालों को हिस्ट्रीशीटर बताया है. जबकि इस मामले में रायबरेली पुलिस के खुलासे ने मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या को पूरी तरह झूठा साबित कर दिया है. रायबरेली पुलिस ने मृतकों को क्लीन चिट देते हुए कहा है कि मृतकों का ऐसा कोई रिकॉर्ड नही है. पुलिस के इस बयान ने स्वामी प्रसाद मौर्या का इस झूठ से पूरी तरह से पर्दा उठा दिया है. ऐसे में अब सवाल ये उठता ई की स्वामी प्रसाद मौर्या ऐसा झूठा बयान दे कर किसको बचाने की कोशिश कर रहे हैं.

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डिप्टी सीएम भी डाल रहे स्वामी प्रसाद मौर्या के झूठ पर पर्दा-

  • ऊंचाहार के अप्टा गांव में हुए नरसंहार में योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने मृतकों पर  हिस्ट्रीशीटर होने का आरोप लगाया है.
  • लेकिन रायबरेली पुलिस ने साफ़ कर दिया की मृतकों का ऐसा कोई रिकॉर्ड नही है.

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  • जिससे स्वामी प्रसाद मौर्या का झूठ जग ज़ाहिर हो गया है.
  • वहीँ इस मामले में आज डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा भी स्वामी प्रसाद मौर्या बचाते हुए नज़र आये.
  • डिप्टी सीएम ने तो यहाँ तक कह दिया कि स्वामी प्रसाद मौर्या ने ऐसा कोई बयान नही दिया.
  • वही इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी चुप्पी साध रखी है.

पावर कॉरपोरेशन ने खोली पुलिस के झूठ की कलई-

  • ऊंचाहार के अप्टा गांव में सामूहिक हत्याकांड के मामले में पावर कॉरपोरेशन पुलिस के एक झूठ से पर्दा उठा दिया है.
  • पावर कॉरपोरेशन का कहना है घटना के समय अप्टा सहित 24 गाँव में बिजली नही थी.
  • जेई शिवेध्र मोहन की माने तो अप्टा के लिए जगतपुर विद्युत् उप्केद्र से निकले कैनाल फीडर से 24 गाँव में बिजली लाइन जाती है.
  • जिससे इटौरा बुजुर्ग और उसके पूर्वी इलाकों में बिजली सप्लाई की जाती है.

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  • इस मामले में विद्युत वितरण खंड द्वितीय के अधिशासी अभियंता विवेक खन्ना से भी बात की गई.
  • उन्होंने बताया की घटना वाले दिन शाम 7:40 बजे से 9:40 बजे तक इस लाइन में कटौती की गई थी.
  • इस कटौती का आदेश पनकी कण्ट्रोल रूम द्वारा दिया गया था.
  • पावर कॉरपोरेशन ने जिसकी सूचना संख्या 1343 बताई है.
  • गौरतलब हो कि इस मामले में पुलिस बिजली का तार गिरने से गाडी में आग लगने की बात कह रही थी.
  • लेकिन पावर कॉरपोरेशन के खुलासे ने पुलिस की इस बात को पूरी तरह झूठा साबित कर दिया है.
  • इस मामले में एक ख़ास बात और भी सामने आई है.
  • बता दें कि बयान देने वाले पावर कॉरपोरेशन के इन कर्मियों तबादला कर दिया गया है.

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