जनता की सुरक्षा करने वाली पुलिस ही दबंगई और गुंडागर्दी पर उतारू हो जाए तो आम नागरिक की रक्षा कौन करेंगा. ऐसा ही एक मामला हाथरस का हैं जहाँ 2 भाइयों को न्यायालय परिसर में ही दरोगा की गुंडई से बावस्ता होना पड़ा. जब जनपद के न्यायालय में धारा 302 की पेशी के लिए पहुंचे दो सगे भाईयो को दरोगा मोहित राणा ने अपनी टीम के साथ पंहुचकर जबरदस्ती गिरफ्तार कर लिया. 

तारीख पर गये 2 भाइयों को जबरदस्ती बैठाया गाड़ी में: 

मामला हाथरस जिले के थाना कोतवाली हाथरस जक्शन क्षेत्र के नगला बिधिपुर निवासी दो सगे भाइयों का हैं. आज शिवकुमार और जयकुमार दोनों सगे भाई जनपद हाथरस जिला न्यायालय पर धारा 302 की तारीख करने पंहुचे हुए थे।

जहाँ उन्हें दरोगा मोहित राणा ने पकड़कर जबरदस्ती अपनी गाड़ी में बैठा लिया. जिसके बाद अधिवक्ताओं के इस मामले में आवाज उठाने के बाद दरोगा ने उन्हें छोड़ दिया.

न्यायालय में अपने भाई के साथ तारीख करने पंहुचे शिवकुमार ने हाथरस जिले के थाना कोतवाली सहपऊ में तैनात दरोगा मोहित राणा पर आरोप लगाया है कि दरोगा मोहित राणा ने दूसरे पक्ष के साथ मिलकर हमे पकड़कर अपनी गाड़ी में बैठा लिया.

अधिवक्ताओं ने बचाया दरोगा से:

जिसके बाद उनके अधिवक्ताओ ने उन्हें दरोगा मोहित राणा से छुड़वाया। अधिवक्ताओं के जनकर हंगामा करने पर दरोगा ने मामले की गंभीरता को भाप लिया और वहां से अपनी टीम के साथ चल गया.

वही प्रत्यक्षदर्शी अधिवक्ता रामबहादुर सिंह ने बताया कि दरोगा मोहित राणा ने दोनों भाईयो को पकड़कर अपनी गाड़ी में बैठा लिया था,

अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि हो सकता है पुलिस टीम इन दोनों भाईयो को यहां से ले जाकर कही सुनसान जगह जाकर इनका इनकाउंटर कर दे.

न्यायलय परिसर के अधिवक्ताओ ने एक जुट होकर दरोगा मोहित राणा से दोनों भाईयो मुक्त कराया है। वंही अधिवक्ताओ के विरोध को देखकर दरोगा पुलिस टीम को लेकर भाग गए।

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